Sunday | इतवार ...मिट्टी की महिमा


इतवार (Sunday)

Sunday | इतवार
❤️❤️कीमत दोनों की चुकानी पड़ती हैै, 
अधिक बोलने की भी और 
अधिक चुप रहने की भी...❤️❤️

मिट्टी की महिमा

निर्मम कुम्हार की थापी से 
कितने रूपों में कुटी पिटी, 
हर बार बिखेरी गई किंतु 
मिट्टी फिर भी तो नहीं मिटी।

आशा में निश्चल पल जाए,
छलना में पड़कर छल जाए,
सूरज दमके तो तप जाए,
रजनी ठुमके तो ढल जाए। 

यूं तो बच्चों की गुड़िया सी भोली, 
मिट्टी की हस्ती क्या,
आंधी आए तो उड़ जाए, 
पानी बरसे तो गल जाए।

फसलें उगती, फसलें कटती,
लेकिन धरती चिर उर्वर है, 
सौ बार बने, सौ बार मिटे, 
लेकिन मिट्टी अविनश्वर है, 
मिट्टी गल जाती पर, 
उसका विश्वास अमर हो जाता है।

--शिव मंगल सिंह 'सुमन'

Sunday | इतवार
❤️❤️एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती..
 पर एक मिनट में सोच कर लिया हुआ 
फैसला ...
पूरी जिंदगी बदल देता है❤️❤️

32 comments:

  1. Happy Sunday... बहुत ही प्यारी तस्वीर के साथ सुंदर कविता🌹🌹🌹🌹👌👌

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  2. बहुत अच्छे संदेश के साथ इतवार वाला ब्लॉग।
    शुभ रविवार।

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  3. अति सुंदर कविता है आपकी,सधन्यबाद जी🌹🙏🙏🌹

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  4. अति सुन्दर

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  5. बहुत अच्छी कविता 👌👌 सुंदर तस्वीर के साथ ❤️❤️
    शुभ रविवार 🌹🌹

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  6. Bful poem ..bful pic .. happy sunday

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  7. Sundar panktiyan aur sundar chitra ce saath saath aapka jeevan bhi sundar aur swasthya ho 🙏🙏

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  8. Wonderful dp 😘😘♥️♥️

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  9. Wow dear ...beautiful 😍😍😍😍

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  10. 🙏🏾नि:शब्द हू 🙏🏾

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