Sunday | इतवार

इतवार (Sunday)

इतवार (Sunday)

 🍂🍂एक बेहतरीन जिंदगी जीने के लिए 
यह स्वीकार करना भी जरूरी है कि .....
सबको.... सब नहीं मिल सकता❤️❤️


समय

कैसा सुंदर बचपन अपना 

मिल बांट कर रहते थे 

सपने की बातें भी हम 

एक दूजे से करते थे ...


जो थे अपने छूट गए 

बस एक छोटे से झोंके में 

कौन अपना कौन पराया 

जीवन की है कैसी माया...


कहां गई बचपन की नदियां 

एक साथ हम बहते थे ...

उम्र के कितने रूप हैं देखे 

देखा कितनी छांव है 

सूरज सा जलता बुझता 

जीवन का यह गांव है ...


समय का हर कालचक्र हम 

हंसते - हंसते सहते थे 

कैसा सुंदर बचपन अपना 

मिल बांटकर रहते थे.....


Sunday | इतवार

Time

 What a beautiful childhood we had

 We lived together

 We also used to talk about dreams

 With each other


We missed each other's talk

 In just a small storm

 Some where ours, some where not

 What kind of life is this


 Where did the rivers of childhood go

 Together we used to flow

 See how many forms of age

 Saw how many feet

 The sun burns out

 This is the village of life


 Every cycle of time we

 Used to laugh

 What a beautiful childhood it was

 Lived by distribution of laugh

इतवार (Sunday)
🍂🍂उम्र... बिना रूके सफर कर रही है 
और हम.... ख्वाहिशें लेकर वहीं बैठे हैं..❤️❤️

23 comments:

  1. Beautiful pics..... happy sunday😌

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  2. Very true....Khwahishen kha puri hoti h kisi ki❤️

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    1. Haan...ek puri hoti nahi..agli taiyaar khadi rahti..❤️

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  3. MASHAALLAH....looking so so beautiful n ur smile too ...Hmesha aise hi hasti rho...Ameen❤️❤️😘😘😘

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  4. लाल छड़ी मैदान खड़ी....😉😉
    बहुत अच्छी कविता बचपन की यादों में डुबकी लगाती हुई❤️❤️

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  5. शुभ रविवार 💐 💐 करोना में कहां घूमने निकली हो

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    1. अभी नहीं घूम रहे..पहले की पिक है..

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  6. Replies
    1. Yahi to mushkil ha...gujre din kabhi wapas nahi aate..

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  7. Khubsurat tasveer...pyaari si hasi🌹🌹🌹🌹

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  8. Oyeeee hoyeeee...beautiful. .👌👌👌😍😍😍

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