Os ki Boond (ओस की बूँद)
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से,
थी अभी एक बूंद कुछ आगे बढ़ी।
सोचने फिर यही जी में लगी,
क्यों घर छोड़कर मैं यूं बढ़ी ।।
देव मेरे भाग्य में क्या है बता,
मैं बचूंग या मिलूंगी धूल में ।
या जलूंगी फिर अंगारे पर किसी,
चू पडूंगी या कमल के फूल में ।।
बह गई उस काल कुछ ऐसी हवा,
वह समुंदर ओर आई अनमनी।
एक सुंदर सीप का मुंह था खुला,
वह उसी में जा पड़ी मोती बनी ।।
लोग यूं ही हैं झिझकते सोचते,
जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर।
किंतु घर का छोड़ना अक्सर उन्हें,
बूंद लौं कुछ और ही देता है कर ।।
आज हमारा 300वां ब्लॉग है। इसे डालते हुए मुझे अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है। कोरोना काल से सफर शुरू हुआ "रूपा ओस की एक बूंद ~ Rupa Oos ki ek Boond" का यह सफर आप सभी के सहयोग से और आप सभी के बेशुमार प्यार की बदौलत इस मुकाम पर पहुंचा है। शुरुआत में कोरोनावायरस के दहशत भरे माहौल में आयुर्वेद के प्रति लोगों के रुझान को देखते हुए अपने ब्लॉग में मैंने आयुर्वेद रुपी अमृत का पान कराया, जो सप्ताह में 2 दिन आज भी जारी है। इसके अलावा मनोरंजन और भारतीय सभ्यता और संस्कृति से भी रूबरू कराने का प्रयास कर रही हूं। यह सफर आगे भी आपके सहयोग से जारी रहेगा। आप हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहें और अपने बहुमूल्य कमेंट के माध्यम से अपने विचार हमसे साझा करते रहें और मुझ पर आपका आशीर्वाद यूं ही बना रहे।
पर ताल्लुक मैं, आसमां से रखती हूं ❤
Nice beautiful poem
ReplyDeleteCongratulations on your 300th blog completion
ReplyDelete300वें ब्लॉग की बधाई।
ReplyDeleteआप का यह ब्लॉग मनोरंजन,ज्ञानवर्धन के साथ स्वास्थ्य वर्धन भी कर रहा है। आयुर्वेद के नुस्खे बेजोड़ हैं। अकबर बीरबल,इतने समय बाद भी जीवन्त है और देश- विदेश की समृद्ध सभ्यता और संस्कृति से रूबरू कराने का आपका प्रयास अति उत्तम है। मुझे विश्वास है कि भविष्य में हम सभी को आपके ब्लॉग का और भी अधिक विस्तार देखने को मिलेगा।
शुभकामना।
300 ब्लॉग तक पहुंचने के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आप जल्दी ही नए कीर्तिमान बनाए।
ReplyDeleteभारतीय सभ्यता और संस्कृति का मेल आपके ब्लॉग में बखूबी प्रतिबिम्बित होता है।
Achhi kavita
ReplyDelete300 ब्लॉग होने पर दिल से ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई,तुम्हारे ब्लॉग के माध्यम से मनोरंजन, रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के साथ साथ स्वास्थ्य सम्बन्धी उपयोगी जानकारी मिलती रही है।आगे भी अपने ब्लॉग की अनूठी माला के पुष्पों की सुगंध यूँही फैलाती रहो
ReplyDeletenice
ReplyDeleteNice poem
ReplyDeleteCongratulations for 300th blog.. an amazing journey till now..and I hope that you will take us to other bful places in future where the rhythm of your poems will make our lives poetic and joyful...alll the best..keep it up..cha jao
ReplyDeleteNice poem
ReplyDeleteअद्भुत आप सच् में प्रतिभा के धनी हैं, चाहे आयुर्वेद में ज्ञान हो, चाहे कविता हो, सुंदर कहानियां हो, आप निरंतर कुछ नवीन लाते रहे है अपने ब्लॉग से, और आज ये संख्या 300 पहुंच गई,बहुत हर्ष है। आपको निरंतर प्रगति पर हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई हो रुपा 300 ब्लॉग पूरा होने पर🎉🎉🎊🎊👏👏 आयुर्वेद, जातक कथाएं,अकबर बीरबल की चतुराई भरी कहानी, अपनी संस्कृतिक धरोहर और विश्व की आश्चर्य करने वाले तथ्य इन सब को अपने ब्लॉग में समाहित करने और हम लोगों का ज्ञान बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, ऐसा लग रहा है कि यह ओस की बूंद अपने प्रतिदिन के विभिन्न तथ्यों को जोड़ते हुए धीरे धीरे नदी का रूप ले रही है और यही ईश्वर से प्रार्थना है यह एक विशाल समुद्र बनें, जिसमें हम सभी ज्ञान और आनंद का गोता लगाते हुए ओत-प्रोत होते रहें...
ReplyDelete300वें ब्लॉग के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं, तुम्हारे ब्लॉग के माध्यम से बहुत ही अनोखी, आश्चर्यजनक जानकारी मिलती है। ज्ञान के साथ साथ अपनी सांस्कृतिक और एतिहासिक धरोहरों के विषय में विस्तृत जानकारी, आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के साथ ही मनोरंजन और जातक कथाओं के माध्यम से समाज को संदेश तुम्हारे ब्लॉग को विविधता देते हैं। तुम्हारा प्रयास और मेहनत बहुत ही सराहनीय है। तुम्हारा ये ब्लॉग नित नई कामयाबी हासिल करे और हम सब सदा तुम्हारे साथ हैं।
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery very congratularion to you for completeing 300 th blog
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteरूपा जी,तीन सौ ब्लॉग सफलता पूर्वक पूरे होने की आपको हार्दिक बधाई। ओस की एक बूंद कविता अनिश्चितता को निश्चितता में बदल देती है,यह निश्चय ही प्रेरणास्पद है।
ReplyDeleteवाह ... बधाइयां... यकीन नहीं हो रहा कि लॉकडाउन से शुरू हुआ यह सफर निरंतर चलता चला आ रहा। यह प्रयास काबिले तारीफ है और सराहनीय भी। किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतरता बहुत जरूरी है।
ReplyDeleteब्लॉग से बहुत सी जानकारी मिल रही है, जिसके विषय में कभी सुना जाना नहीं था। आयुर्वेद से सबको जोड़ने का प्रयास सराहनीय है...वहीं भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों से सबको अवगत कराना भी। इतवार के ब्लॉग में आपकी तस्वीर से सबके अंदर एक सकारात्मक विचार का प्रवाह ब्लॉग को चार चंड लगा देता।
आप ऐसे ही आगे बढ़ते रहिए... शुभकानाएं 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Many many congratulations dear.. meri manokamna ha ki tum din duni raat chauguni tarkki karo.. .air him logo ko nayi nayi jankari share karti Raho...keep it up 🍁🍁🍁🍁👍👍👍👍🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
ReplyDeleteMany many congratulations Rupa.... Really it's very nice to read your blogs...
ReplyDeleteCongratulations didi for completing your 300 blog keep it up 👍
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteMany many congratulations...Aap aise hi aage badhti rahen...
ReplyDeleteNice poem
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबधाई हो!...
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