मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

 मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर (Meenakshi Temple)

दक्षिण भारत खूबसूरत मंदिरों के लिए विख्यात है। आइए इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आज हिंदू धर्म के एक और मंदिर मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर जो तमिलनाडु में स्थित है, की चर्चा करते हैं। यह मंदिर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला शैली से बनी हुई है। जिसकी स्थापना 17वीं शताब्दी में पांड्या राजा ने करवाई थी।

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

इस मंदिर का स्थापत्य एवं वास्तु आश्चर्यचकित कर देने वाला है और अपने इसी आश्चर्यचकित स्थापत्य के लिए यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्य की सूची में प्रथम स्थान पर स्थित है, इसका कारण इसका विस्मयकारक स्थापत्य ही है। इमारत समूह में 12 भव्य गोपुरम हैं, जो अतीव विस्तृत रूप से शिल्पित हैं। इन पर बड़ी महीनता एवं कुशलतापूर्वक रंग एवं चित्रकारी की गई है, जिसकी सुंदरता देखते बनती है।

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

यह मंदिर हिंदू देवता शिव (सुंदरेश्वर या सुंदर ईश्वर के रूप में) एवं उनकी प्रिया देवी पार्वती (मीनाक्षी या मछली के आकार की आंख वाली देवी के रूप में) दोनों को समर्पित है। यह ध्यान देने योग्य है कि मछली पांड्या राजाओं का राज्य चिन्ह था।मान्यता है कि भगवान् शिव सुंदरेश्वर रूप में अपने गणों के साथ पांड्य राजा मलध्वज की पुत्री मीनाक्षी से विवाह रचाने मदुरै आये थे। राजा मलध्वज ने कठोर तपस्या के बल पर मीनाक्षी को पुत्री रूप में प्राप्त किया था।  

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

इस मंदिर का गर्भगृह 3500 वर्ष पुराना है। इसकी बाहरी दीवारें और अन्य बाहरी निर्माण लगभग 1500-2000 वर्ष पुराने हैं। इस पूरे मंदिर का भवन समूह लगभग 45 एकड़ भूमि में बना है, जिसमें मुख्य मंदिर भारी-भरकम निर्माण है और इसकी लंबाई 254 मीटर एवं चौड़ाई 237 मीटर है। मंदिर 12 विशाल गोपुरम से घिरा है। शिव मंदिर समूह के मध्य में स्थित है। इस मंदिर में शिव नटराज मुद्रा में स्थापित हैं‌। शिवमुद्रा सामान्यतः नृत्य करते हुए अपना बायां पैर उठाए हुए होती है परंतु यहाँ उनका दायां पैर उठा है।

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

शिल्पकारी वाले स्तंभ विशिष्ट भित्ति चित्रों से ढके हुए हैं, जो राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान शिव के साथ उनके विवाह के समय के दृश्यों से भरपूर हैं। आंगन के पार सुंदरेश्वर के मंदिर में भगवान शिव को लिंग के माध्यम से प्रतिनिधित्व दिया जाता है। यहां बने स्तंभ मीनाक्षी तथा सुंदरेश्वर के विवाह के दृश्यों से सजे हुए हैं। यहां लगभग 985 समृद्धि पच्चीकारी वाले स्तंभ हैं और सुंदरता में सभी एक दूसरे को पीछे छोड़ देते हैं।

इस मंदिर से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है मीनाक्षी तिरूकल्याणम, जिसका आयोजन चैत्र मास (अप्रैल के मध्य) में होता है। इस उत्सव के साथ ही तमिलनाडु के अधिकांश मंदिरों में वार्षिक उत्सव का आयोजन भी होता है। इसमें अनेक अंक होते हैं जैसे रथयात्रा,  नौका उत्सव। इसके अलावा अन्य हिंदू उत्सव जैसे नवरात्रि एवं शिवरात्रि भी यहां धूमधाम से मनाये जाते हैं।

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Meenakshi Temple

 South India is famous for beautiful temples.  Let's discuss this further, today, another temple of Hinduism, Meenakshi Sundareswarar Temple which is located in Tamil Nadu.  This temple is made of South Indian architectural style.  Which was founded by the Pandya king in the 17th century.

 The architecture and architecture of this temple is astonishing and for this wonder architecture it is ranked first in the list of seven wonders of the modern world, due to its awe-inspiring architecture.  The building group consists of 12 grand gopurams, which are elaborately crafted.  They have been painted and painted very finely and efficiently, whose beauty is seen.

 The temple is dedicated to both the Hindu god Shiva (in the form of Sundareswara or the beautiful god) and his beloved goddess Parvati (in the form of Meenakshi or fish-shaped goddess).  It is worth noting that the fish was the state emblem of the Pandya kings. It is believed that Lord Shiva came to Madurai with his ganas in the form of Sundareswarar to marry Meenakshi, daughter of Pandya king Maladhvaja.  Raja Maladhvaja received Meenakshi as a daughter on the strength of austerities.

 The sanctum sanctorum of this temple is 3500 years old.  Its exterior walls and other exterior construction are around 1500–2000 years old.  The building cluster of this entire temple is built on about 45 acres of land, of which the main temple is heavily constructed and has a length of 254 meters and a width of 237 meters.  The temple is surrounded by 12 huge gopurams.  The Shiva temple is located in the middle of the group.  In this temple Shiva is installed in Nataraja mudra.  Shivamudra is usually seen dancing with his left leg raised but his right leg is raised here.

मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर || Meenakshi Temple || मीनाक्षी अम्मां मन्दिर या केवल मीनाक्षी मन्दिर

 The sculpted columns are covered with distinctive murals, which are full of scenes from the time of her marriage to Princess Meenakshi and Lord Shiva.  Lord Shiva is represented through the linga in the temple of Sundareswara beyond the courtyard.  The pillars here are adorned with scenes of Meenakshi and Sundareswarar's marriage.  There are around 985 prosperity mosaic pillars here and each surpasses each other in beauty.

 The most important festival associated with this temple is Meenakshi Tirukalyanam, which is held in Chaitra month (middle of April).  Along with this festival, annual festivals are also held in most temples in Tamil Nadu.  It has many numbers like Rath Yatra, Boat Festival.  Apart from this, other Hindu festivals like Navratri and Shivaratri are also celebrated here with pomp.

23 comments:

  1. सच में हमारे देश के प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर और उसकी वास्तु अद्वितीय है। इनको देख कर लगता है इतने प्राचीन समय में इनका निर्माण कैसे हुआ होगा.... अद्भुत 🙏🙏

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  2. सच कहा दक्षिण भारत खूबसूरत मंदिरों के लिए विख्यात है। एक सच्चाई यह भी है कि अपना देश उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम हर तरफ से खूबसूरत है... और आप के माध्यम से खूबसूरती पढ़ने मिल रही है...keep it up

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  3. Adbhut...yha k Mandir ahaa.. yha ki kalakriti ahaa.. 👍👍

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  4. सुधा पाण्डेयOctober 13, 2020 at 2:53 PM

    अपने देश की अद्भुत स्थापत्य कला अविश्वसनीय लगती हैं, देश की धरोहर का परिचय देता ब्लॉग अत्यंत प्रशंसनीय है

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  5. This comment has been removed by the author.

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  6. प्राचीन काल में हमारी स्थापत्य कला कितनी विकसित और अद्भुत थी इसकी जानकारी देता ब्लॉग का ये अंश सराहनीय है|

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  7. सैकड़ों वर्ष पहले पत्थर पर रंग बिरंगी और इतनी महीन नक्काशी.. शब्द नहीं है.. अद्भुत

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  8. मीनाक्षी मंदिर भारत की प्राचीन वास्तु कला का अद्भुत नमूना है। सराहनीय ब्लॉग।

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  9. Such an Amazing place...Mera Bharat Mahan..

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  10. Very interesting and amazing temple

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