Sunday

इतवार 
❤❤  फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते हैं,
सूखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते। 
कदर किरदार की होती है,
वैसे तो कद में साया भी इंसान से बड़ा होता है। ❤❤  

जैसे गहन संध्याकाश  को  अकेला तारा अपने अनंत
रहस्यों  के साथ स्वर्ग का प्रकाश , तुम्हारी आंखों में
कांप रहा है , जिसके अंतर  में गहराते रहस्यों के बीच
वहां एक आत्म स्तंभ चमक रहा है। 

अवाक एक टक यह सब देखता हूं मैं
अपने भरे ह्रदय के साथ
अनंत गहराई में छलांग लगा देता हूं
अपना सर्वस्व होता हुआ। 

🌹🌹"तितली महीने नहीं 
 क्षण गिनती है,
और उसके पास पर्याप्त
समय होता है। "🌹🌹

24 comments:

  1. खूबसूरत सी सुबह..सुंदर पंक्तियों और प्यारी सी मुस्कान के साथ...

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  2. Sunday is funday but aapki sweet smile ke saath now its a Smiley day 😍😍😘😘

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  3. Sunday is funday but aapki sweet smile ke saath now its a Smiley day 😍😍😘😘

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  4. फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते हैं,
    सूखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते।
    कदर किरदार की होती है,
    वैसे तो कद में साया भी इंसान से बड़ा होता है। ❤❤ Nice one & beautiful pic

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  5. हर इतवार एक अच्छी सी कविता का चुनाव...जिसकी सुंदरता बढ़ाती तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान...इतवार को खास बना देती।❤❤

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  6. झुककर यानि विनम्रता के साथ बड़ी से बड़ी जंग जीती जा सकती है। हर दिन ही आपके ब्लॉग इन्तज़ार रहता है।

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  7. Happy Sunday, very beautiful pic & very nice smile 😘😘🌹

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  8. सुधा पाण्डेयAugust 16, 2020 at 3:42 PM

    भावमय सारगर्भित पंक्तियों के साथ बहुत ही प्यारी फ़ोटो ने आज के ब्लॉग को चार चाँद लगा दिया

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    1. शुक्रिया mam, आपके सकारात्मक प्रतिक्रिया से मेरा मनोबल बढ़ता है😊🤗

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  9. Happy Sunday lovely pic

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  10. Happy sunday..last lines of the blog are really inspiring

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  11. Sundar kavita, bina achhe kirdar k kad ki koi value nahi

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  12. Aap sabhi logon ka mere sath is blog per Jude rahane ke liye bahut bahut dhanyvad

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