Ayurveda The Synthesis of Yoga and Natural Remedies - 47 - Ear Disease

 कान के रोग - फोड़े फुंसी, दर्द तथा कान बहना

कान के रोग आम तौर पर बच्चों में ज्यादा देखने को मिलते हैं। कान में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। जैसे - कान का बहना, फोड़े -फुंसी, करण शूल, बहरापन आदि। कान बहने से तात्पर्य है कि कान से पस निकलता है। कुछ लोग को जन्म से कान के रोग होते जबकि कुछ को बाद में इस समस्या का सामना करना पड़ता है। 
कान की बीमारियाँ विशेष रूप से चिंताजनक होती हैं क्यूँकि वे दर्द, असुविधा या गंभीर श्रवण हानि का कारण बन सकती हैं। कान की बीमारियों के लक्षण को पहचान कर उचित तथा तत्काल उपचार से आने वाली जटिलता को रोका जा सकता है। 
कर्ण रोग का कारण (Causes of Ear Disease):- 

#   कान की सफाई नहीं करने से
#   कान में फोड़ा होने से किसी चोट या एक्सीडेंट की वजह से 
#   कान का पर्दा फटने के कारण 
#   गले में टॉन्सिल होने या सर्दी जुकाम होने के कारण
#   वायरल संक्रमण से 
#   कभी -कभी सिर में चोट लगने के कारण भी कान के रोग हो जाते हैं 
#   कभी - कभी एलर्जी और आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं 


कर्ण रोग के लक्षण (Symptoms of Ear Disease):- 

#   पीले रंग का पीप निकलता है। कभी-कभी पीप बदबूदार भी होता है 
#   सुनाई कम देने लगता है 
#   कान में दर्द होने लगता है
#   कान में आवाज गूंजना 
#   कान में खुजली होना 

कर्ण रोग के घरेलू उपचार (Home Remedies For Ear Disease):-
कान में फोड़े फुंसी और दर्द होने पर निम्नलिखित उपचार कर सकते हैं

#   सरसों का तेल कान में डालने से फोड़े फुंसी ठीक होते हैं
#   तिल्ली के तेल में लहसुन की कलियों को पकाएं और वह तेल ठंडा होने पर कान में डालें
#   दर्द होने पर प्याज का रस हल्का गर्म करके कानों में डालने से आराम मिलता है
#   तुलसी के पत्तों के रस में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गर्म करें और कान में डालें
#   कान में गोमूत्र डालने से फोड़े फुंसी ठीक होते हैं
#   कान में स्वमूत्र डालने से कान का दर्द रुक जाता है 
#   धतूरे का रस कान में डालने से कान का दर्द रुक जाता है 
#   बरगद का दूध कान में डालने से कान का दर्द रुक जाता है 
#   एलोवेरा का रस हल्का गर्म करके दो बूंद कान में डालने से कान बहना ठीक होता है 
              कान के रोगों से बचाव के लिए कुछ सावधानी की जरुरत है। अपने कानों की सफाई के लिए कॉटन बड्स का प्रयोग ना करें, कानों में कोई नुकीली वस्तु खुजली या सफाई के लिए ना डालें। इस तरह की वस्तुओं के प्रयोग से कान को नुक्सान हो सकता है। अगर कोई बहुत ज्यादा शोर वाली जगह पर काम करता हो तो कान को सुरक्षित रखने वाले उपकरण का इस्तेमाल करे। थोड़ी सावधानी रख कर बड़ी जटिलता से बचा जा सकता है।   

19 comments:

  1. कान में सरसों का तेल कभी कभार डालना चाहिए या नही इस बात पर हमेशा confusion बना रहता था।आज इस बात की पुष्टि हो गयी कि कान में तेल डाला जा सकता है।

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    1. बच्चों के जन्म के बाद मालिश के समय रोजाना ही उनके कान में तेल डाला जाता है। जब छोटे बच्चों को डालने में कोई समस्या नहीं है तो बड़ों में कैसी समस्या। यह समस्या शायद इसलिए आए हैं कि अब शुद्ध तेल मिलना मुश्किल है।

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  2. मुझे याद भी नहीं है कि मैंने पहले कब कान में तेल डाला था,जब कान में दर्द होगा,तब तुम्हारे ब्लाग से उपाय मिल जाएगा.. उपयोगी जानकारी

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    1. आगे भी इसकी जरूरत ना पड़े तो बहुत अच्छा।

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