अर्थराइटिस- ARTHRITIS

अर्थराइटिस- ARTHRITIS

Arthritis (गठिया): Symptoms, Causes, Types & Treatment in Hindi

           आर्थराइटिस को आम भाषा में गठिया कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के जोड़ों में दर्द के साथ सूजन भी आ जाती है। बदलती जीवन शैली, मोटापा, गलत खानपान आदि वजह से यह रोग सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा वर्ग भी इसका शिकार हो रहे हैं। यह मुख्यतः दो प्रकार का होता है ओस्टियो आर्थराइटिस(OsteoArthritis) और रूमेटाइड अर्थराइटिस(RheumatoidArthritis)

अर्थराइटिस के कारण: Causes Of Arthritis:
आर्थराइटिस की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है  और इसके भिन्न भिन्न कारण हो सकते हैं।
#  यूरिक एसिड का स्तर ज्यादा होने पर यह  रोग होता है।
#  शरीर में कैल्शियम की कमी।
#  आनुवांशिक कारणों से।
#   जोड़ो में चोट लगने से।
#  किसी दवाई के दुष्प्रभाव से।
#  रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से।

अर्थराइटिस के लक्षण:Symptoms of Arthritis:
Arthritis Symptoms In Hindi - आर्थराइटिस के लक्षण ...
#  बार बार बुखार आना।
#  मांसपेशियों में दर्द।
#   हमेशा थकान और घूटन महसूस होना।
#   भूख कम लगना।
#   वजन घटना।
#    शरीर के तमाम जोड़ों में दर्द होना।
#   किसी को जलन की शिकायत भी होती है.
#   जोड़ों के आसपास सख्त गोलाकार गांठों जैसे उभर जाना।

अर्थराइटिस से बचाव: Prevention of Arthritis:

#  शरीर का वजन कम रखें। ज्यादा वजन से घुटनों तथा कुल्लू पर दबाव पड़ता है।
#  योग तथा प्राणायाम को नियमित दिनचर्या में शामिल करें अर्थात योगासन तथा व्यायाम करें।
#  गुनगुना पानी पिए तथा स्नान भी ठंडे पानी से ना  करें।
#  समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहे।

अर्थराइटिस के लिए घरेलू उपचार: Home Remedies For Arthritis:
Home Remedies For Relief For Arthritis In Hindi Natural Remedies ...
1.  आर्थराइटिस के मरीज 1 दिन में 2 ग्राम चूना खा सकते हैं और स्वस्थ आदमी एक ग्राम चूना खाए। चूने को दही के साथ, छाछ के साथ, दाल के साथ या पानी में मिलाकर खाया जा सकता है।
2.  मेथी दाना रात को गर्म पानी में भिगो दें और सुबह उठते ही पानी पी लें और मेथी दाना चबा चबा कर खा लें।
3.  गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर और थोड़ी हरण मिलाकर हमेशा शाम को देना है।
4.   हल्दी मेथी सोंठ बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर बना लें और एक चम्मच रोज सुबह खाली पेट कम से कम डेढ़ - दो महीने तक लें।
5.   सबसे क्षारीय है हारसिंगार का पेड़ या पारिजात के पेड़ के पत्ते, 5-7 पत्ते की पत्थर पर पीसकर चटनी बनानी है और एक गिलास पानी में तब तक उबालना है जब तक कि पानी आधा गिलास ना हो जाए। उसके बाद ही से चाय की तरह रोज सुबह खाली पेट कुछ भी खाने से एक घंटा पहले पीना है। 15 से 20 दिन में बीमारी से आराम मिलना शुरू हो जाएगा। दोनों ही आर्थराइटिस (रूमेटाइड और ओस्टियो) के केस में 20 साल पुराना गठिया का दर्द ठीक होता है।
6.  कार्टिलेज और RH फैक्टर की समस्याओं के लिए भी पारिजात के पत्ते का काढ़ा काम में आता है। हिप ज्वाइंट या नी ज्वाइंट निकालने की स्थिति आ गई हो तो आज से यही दवा नियमित रूप से सेवन करें।
7.   आइसक्रीम कभी ना खाएं।
8.   दालचीनी सौंठ का काढ़ा गुड़ मिलाकर जरूर पिएं, जिसको भी आर्थराइटिस हो।
9.   मूंगफली और तिल रोज खाएं। खाना खाने के बाद तिल और गुड़ जरूर खाएं। काला तिल मिले तो बहुत अच्छा होगा। खासकर उन लोगों के लिए जो आर्थराइटिस, अस्थमा, मोटापा और हृदयघात जैसी बीमारियों से बचना चाहते हैं। हड्डियों के किसी भी रोग में के लिए चूना खाएं।
10.  पानी घुंट घुंट कर पीएं।
 11. जैतून और अरंडी का तेल मालिश करने से गठिया रोग के दर्द से राहत मिलती है। 

इस तरह थोड़ा सा ध्यान, केयर, योग और प्राणायाम से हम इस बीमारी से बच सकते। 

नियमित करें योग रहें निरोग 
       
                 

16 comments:

  1. Sahi baat ha, useful information..ye bimari bhi pahle kisi kisi ko sunne milti thi...ab ye bhi common hoti ja rahi...iske ilaj k liye bhi modern medical science me sirf painkiller hi ha...aayurved me iski dwa ha.

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  2. बहुत ही ज्ञान वर्धक, उपयोगी है, तुम अपनी नी न बदलवाना ।

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  3. सुधा पाण्डेयJune 11, 2020 at 11:24 AM

    अर्थराइटिस आजकल की जीवनशैली से होने वाली आम बीमारी हो गई है, घरेलू सदुपयोगी जानकारी देने के लिए धन्यवाद, तुम्हारे ब्लॉग में आम बीमारियों का घरेलू उपचार मिल जाता है

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  4. आजकल की व्यस्त तनाव भरी जिंदगी में आयुर्वेद का बहुत महत्व है।आप अपने उपयोगी लेखों के माध्यम से सबका बहुत उपकार कर रहे हैं।

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  5. Bahut upyogi jaankari...keep it up

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