ठहराव से भरी हुई परिपक्व स्त्री

ठहराव से भरी हुई परिपक्व स्त्री

Rupa Oos ki ek Boond

"अजीब से सिलसिले हैं तेरे मेरे दरमियान 
फासले भी बहुत हैं और महोब्बत भी बेपनाह...❣️"

ठहराव से भरी हुई परिपक्व स्त्री 

चुंबक सा सम्मोहित करती है 

चेहरे पर उकेरती है 

 उसका बीता जीवन 

अपने गर्भ में छुपाती है 

जीवन के अनेक रहस्य 

जंगल सी धारण करती हैं 

हर एक रूप और रंग की बातें 

जो जिया है उसने अपने इतिहास में 

बच्चों के प्रेम से भरी हुई आंखें उसकी 

थोड़ी थोड़ी सी बैरागी आंखें उसकी 

देह में उभरती गहरी और मोटी लकीरें 

बयां करती हैं उसके अनुभव को 

अनगिनत कविताएं रच रखी है उसने अपने मन में 

जिसकी सुगंध रिसती है कस्तूरी कुंडल सदृश 

सराबोर करती है अपने आसपास के वातावरण को 

यह सभी रहस्य की बातें 

जानता है वह पथिक 

जिसने जुटा कर साहस 

खोला है उसके मन की परतों को 

हृदय पवित्र किया है 

अपने आध्यात्मिक ज्ञान से 

सु....नीति से भरी हुई ऐसी स्त्री

प्रेम बैराग और वात्सल्य का प्रमाण है।

Rupa Oos ki ek Boond.

"शिद्दत से निभाइए अपने किरदार को,
कहानी तो एक दिन सबको होना है .....❤️❤️"

13 comments:

  1. बहुत सुंदर यथार्थ पूर्ण सत्य लाइन

    ReplyDelete
  2. लाउतसु ने कहा है घाटी का रहस्य
    Feminine mystery
    कृष्ण गीता में रहते हैं इन एक्शन
    बिना कुछ किया आकर्षित करना केवल मौजूदगी ही आकर्षित करती है........

    ReplyDelete
  3. यह जो रवि का चांद है यह चौदहवीं के चांद से भी सुंदर है 👌🙏

    ReplyDelete
  4. very nice and gorgeous pic

    ReplyDelete
  5. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🚩🚩जय श्री राधे कृष्ण🚩🚩
    🚩🚩राधे राधे 🚩🚩
    👌👌👌बहुत खूब🙏
    🙏🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

    ReplyDelete
  6. Bahut sundar photo

    ReplyDelete