कुछ दर्द ... शब्दों में बयां नहीं हो पाते...

कुछ दर्द ... शब्दों में बयां नहीं हो पाते...😔

कुछ दर्द ... शब्दों में बयां नहीं हो पाते...😔

धरा विकल है आहत है

हुई इंसानियत शर्मसार 

स्त्री की अस्मिता  पुकारती

रो-रोकर बारम्बार

सनातनों की इस धरा पर

हैवानियत पाव पसार रही

मानवता बलिदान हो रही

सज्जनता है दम तोड़ रही

जंग लगी शमशीरों को

कुंद पड़ी धारों को

अब तुमको चमकाना होगा

झकझोर सुप्त आत्मा को

सनातन को बचाना होगा

कर रही धरा करूण क्रंदन 

मां भारती की वेदना सुनो 

 बेटियाँ  व्यथित पुकार रहीं

कुछ उनकी पीड़ा को सुनो

धर्म युद्ध होगा फिर से 

फिर कोई कृष्णा चाहिए 

द्रोपदी की लाज बचाने को

फिर कोई गोविंद चाहिए

कृष्ण की बाट जोहती  

मां भारती की बेटियां

केशव तुम अवतार धरो

फरियाद करती बेटियाँ

6 comments:

  1. वहां के सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए और सारे आरोपियों को फांसी होनी चाहिए
    और भगवान इस दिव्य आत्मा को शांति दे 🙏🏻🙏🏻

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  2. दुनिया में जितना महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है दुनिया उतनी हैरान परेशान रहेगी

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  3. रविवार को उसे चांद का इंतजार रहता है जो रवि बनाकर इस पृथ्वी पर उतरता है
    किसी को क्या मालूम रवि का चांद कितना सुंदर होता है

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  4. हृदय को झकझोरतो कविता।
    शुभ रविवार

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  5. Happy Sunday

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