बोरोबुदुर मंदिर || Borobudur Temple || विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

बोरोबुदुर मंदिर

बोरोबुदुर मंदिर (Borobudur Temple) परिसर दुनिया के सबसे महान बौद्ध स्मारकों में से एक है। इंडोनेशिया के जावा में है विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर, करीब 1 हजार साल पहले 49 फीट ऊंची चट्टान पर इसे 8वीं और 9वीं शताब्दी ईस्वी में सियालेंद्र राजवंश के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। यह स्मारक इंडोनेशिया के जावा द्वीप के केंद्र में, मध्य जावा के दक्षिणी भाग में केदु घाटी में स्थित है।

बोरोबुदुर मंदिर || Borobudur Temple || विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

9 मंजिला है ये बौद्ध मंदिर

इसमें भगवान बुद्ध की 504 मूर्तियां हैं। बोरोबुदुर को एक बड़े स्तूप की तरह बनाया गया है। इसका स्वरूप पिरामिड से प्रेरित है। इसका मूल आधार वर्गाकार है, जिसकी हर भुजा करीब 118 मीटर की है। इसमें नौ मंजिलें हैं। निचली 6 मंजिलें चोकोर और ऊपरी तीन गोलाकार हैं। ऊपरी मंजिल के बीच में एक बड़े स्तूप के चारों ओर घंटी के आकार के 72 छोटे स्तूप हैं। जिनमें नक्काशी किए गए छोटे-छोटे छेद बने हैं। बुद्ध की मूर्तियां इन छोटे-छोटे छेद से बने पॉट के अंदर स्थापित हैं।

बोरोबुदुर मंदिर || Borobudur Temple || विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

इसके स्तूप में जावा और उसके पड़ोस के द्वीपों पर शासन करने वाले भारत के राजाओं की वास्तुशिल्पीय परिकल्पना का उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलता है। इसके सबसे ऊपरी हिस्से पर घंटे के आकार का विशाल स्तूप है, इसके शिलापट्टों पर बुद्ध की अनेक मूर्तियां बनी हुई हैं। इसका निर्माण 9वीं सदी में शैलेन्द्र राजवंश के कार्यकाल में हुआ। स्मारक में बहुत सारी सीढ़ियां व्यवस्थित रूप से बनी हुई हैं। गलियारों में 1460 शिलाओं पर बुद्ध से जुड़ी कथाओं का वर्णन किया गया है।

सालों तक ज्वालामुखी की राख में दवा रहा था दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

बोरोबुदुर मंदिर || Borobudur Temple || विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

इस मंदिर के बारे में सबसे खास बात यह है कि यह सालों तक ज्वालामुखी की राख और जंगलों के बीच ढका रहा था। इस मंदिर को 1970 के दशक में यूनेस्को की मदद से पुनर्स्थापित किया गया था। इंडोनेशिया में प्राचीन मंदिरों को चण्डी के नाम से पुकारा जाता है, इसलिए बोरोबुदुर मंदिर को भी कई बार चण्डी बोरोबुदुर भी कहा जाता है। इस मंदिर को विश्व का सबसे बड़ा और महानतम बौद्ध मंदिर माना जाता है।

यह मंदिर खोजे जाने के पहले कई वर्षों तक ज्वालामुखी राख के नीचे दबा रहा था। सालों तक राख और जंगल के बीच छिपे हुए इस मंदिर की खोज एक अंग्रेज लेफ्टिनेंट गवर्नर थॉमस स्टैमफोर्ड रैफल्स ने सन 1814 में थी। रैफल्स उन दिनों सेमारंग के दौर पर गए हुए थे, तब उन्हें बुमिसेगोरो गांव के पास एक जंगल में एक बड़े स्मारक के बारे में जानकारी मिली। सन 1834 में इस मंदिर को जमीन से बाहर निकाला गया। रैफल्स ने डच इंजिनियर एचसी कॉर्नेलियस को इस मंदिर को जमीन से बाहर निकालने का काम सौंपा था। कॉर्नेलियस के बाद डच प्रशासक हार्टमान ने उनके कार्य को आगे बढ़ाया और साल 1834 में इस मंदिर को पूरी तरह से जमीन से बाहर निकाल लिया गया और साल 1842 में इसके प्रमुख स्तूप को खोजा गया था।

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पुनर्स्थापित करने में यूनेस्को ने की मदद

मंदिर में कुल 2672 पैनल और बुद्ध की 504 मूर्तियां मौजूद हैं। इस प्रमुख स्तूप की ऊंचाई 115 फीट है। बोरोबुदुर मंदिर के निर्माण में लगभग 20 लाख क्यूबिक फीट ग्रे ज्वालामुखी पत्थर का उपयोग किया गया था। साल 1973 में इस मंदिर के पुनर्स्थापना में यूनेस्को ने मदद की। यूनेस्को ने मंदिर के पुनर्स्थापना में वित्तीय मदद भी की थी, जिसके बाद बोरोबुदुर मंदिर का फिर से पूजा स्थल और तीर्थस्थल के रूप में उपयोग किया जाने लगा।

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साल में एक बार होती है पूजा 

साल में एक बार मई या जून में पूर्णिमा को इंडोनेशिया के बौद्ध नागरिक यहां पूजा पाठ करते हैं। इस दिन को इंडोनेशिया में बौद्ध धर्मावलंबी गौतम के जन्म, निधन और बुद्ध शाक्यमुनि के रूप में ज्ञान प्राप्त करने के उपलक्ष में वैशाख के तौर पर मनाते हैं। यह दिन इंडोनेशिया में राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।

English Translate 

Borobudur Temple

The Borobudur temple complex is one of the greatest Buddhist monuments in the world. The world's largest Buddhist temple is in Java, Indonesia. It was built about 1 thousand years ago on a 49 feet high rock during the reign of the Siyalendra dynasty in the 8th and 9th centuries AD. This monument is located in the Kedu Valley in the southern part of Central Java, in the center of the island of Java, Indonesia.

बोरोबुदुर मंदिर || Borobudur Temple || विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मंदिर

This Buddhist temple is 9 storeys high

It has 504 statues of Lord Buddha. Borobudur is built like a large stupa. Its form is inspired by the pyramid. Its basic base is square, with each side being about 118 meters. It has nine floors. The lower 6 floors are square and the upper three are circular. There are 72 small bell-shaped stupas around a large stupa in the middle of the upper floor. In which small holes are made. The idols of Buddha are installed inside the pot made of these small holes.

Its stupa is an excellent example of the architectural imagination of the Indian kings who ruled Java and its neighboring islands. There is a huge bell-shaped stupa on its topmost part, many statues of Buddha are carved on its stone slabs. It was built in the 9th century during the reign of the Shailendra dynasty. There are many stairs built systematically in the monument. Stories related to Buddha have been described on 1460 stones in the corridors.

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The world's largest Buddhist temple was buried in volcanic ash for years

The most special thing about this temple is that it was covered in volcanic ash and forests for years. This temple was restored with the help of UNESCO in the 1970s. Ancient temples in Indonesia are called Chandi, so Borobudur temple is also sometimes called Chandi Borobudur. This temple is considered to be the largest and greatest Buddhist temple in the world.

This temple was buried under volcanic ash for many years before it was discovered. This temple, hidden between ash and forest for years, was discovered by an English lieutenant governor Thomas Stamford Raffles in 1814. Raffles was on a tour of Semarang in those days, when he got information about a large monument in a forest near Bumisegoro village. This temple was taken out of the ground in 1834. Raffles had assigned the task of taking this temple out of the ground to Dutch engineer HC Cornelius. After Cornelius, Dutch administrator Hartmann took his work forward and in the year 1834 this temple was completely taken out of the ground and in the year 1842 its main stupa was discovered.

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UNESCO helped in restoring it

There are a total of 2672 panels and 504 statues of Buddha in the temple. The height of this main stupa is 115 feet. About 20 lakh cubic feet of grey volcanic stone was used in the construction of Borobudur temple. UNESCO helped in the restoration of this temple in the year 1973. UNESCO also provided financial help in the restoration of the temple, after which Borobudur temple started being used again as a place of worship and pilgrimage.

Worship is done once a year

Once a year on the full moon in May or June, Buddhist citizens of Indonesia worship here. Buddhists in Indonesia celebrate this day as Vaisakha to commemorate Gautam's birth, death and attaining enlightenment as Buddha Shakyamuni. This day is celebrated as a national holiday in Indonesia.

4 comments:

  1. हमे नहीं पता था इसके बारेमे
    जानकारी के लिए धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻

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