रात भर जगती अखियाँ

 

रात भर जगती अखियाँ

Dard Quotes

रात भर जगती अखियाँ,

राह उसकी तकती अखियाँ,


आंसुओं का बाँध है इनमें,

रो नहीं सकती अखियाँ।

मुमकिन नहीं अब लौटना उसका,

व्यर्थ भाव बिलखती अखियाँ,

बीते लम्हों को याद करके,

तन्हाई में सिसकती अखियाँ..

21 comments:

  1. अति भावपूर्ण अभिव्यक्ति रूपा जी।
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार १२ मार्च २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    1. "पांच लिंकों का आनंद" पर इस रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।

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  2. waah

    ankhiyon ko band karke so jao.. good night sweet dreams

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  3. सोने वाले नहीं समझेंगे जागने वाले के मसले क्या है

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  4. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
    🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
    🙏महादेव का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे 🙏🙏
    No Comments 🙏🙏
    🙏अपना ख्याल रखो 🙏

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  5. कौन जगा कौन सोया
    किसने पाया किसने खोया
    हिसाब नही है जिंदगी
    अपने आप को जीना है
    असली नाम जिंदगी

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  6. कौन जगा कौन सोया
    किसने पाया किसने खोया
    हिसाब नही है जिंदगी
    अपने आप को जीना है
    असली नाम जिंदगी

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  7. विरह का दर्द। वाह।

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  8. बहुत बहुत सुन्दर रचना

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  9. बहुत सुन्दर अत्यंत भावपूर्ण सृजन
    वाह!!!

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  10. अंखियों से मिली जो अंखियाँ
    छेड़ती रही मुझे मेरी सखियाँ
    अठखेलियाँ करती दिन भर
    रातों को तो जागती अखियाँ

    चला गया उन आंखों का नूर
    जब से गया साजन मुझसे दूर
    बोल ना सकी कुछ भी लबों से
    दिल ने कर दिया इतना मजबूर

    अब सिर्फ आंसू है इन आंखों में
    कैद हो गई जैसे मैं सलाखों में
    सोचती रह गई ये सुनी अखियाँ
    जैसे कोई मिला एक लाखों में

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  11. खुली आंखों से हजार चेहरें देखे हैं
    बंद आंखों से सपने सुनहरें देखे हैं
    रोज ख्वाबों में 1 चेहरा आता था
    दिल को मेरे वो बहुत लुभाता था
    वो चेहरा कुछ जाना-पहचाना था
    मेरा दिल बस उसी का दीवाना था
    पर उसे कदर न थी मेरी चाहत की
    मज़ाक बना दी मेरी मोहब्बत की
    उसे पसंद ऐशोआराम कि जिंदगी
    वो दीवानी थी दौलत-शोहरत की
    इस मोहब्बत का यही फसाना है
    किसी की याद में आंसू बहाना है
    भुला नहीं सकते पहली मोहब्बत
    इसके आगे जमाना भी बेगाना है
    सोच-समझ करना किसी से प्यार
    इसमें जिंदगी जीना हो जाता दुश्वार
    हर किसी को कदर नहीं इश्क़ की
    मोहब्बत को समझने लगे व्यापार
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏


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  12. एक से एक मिलते
    है तो हो जाते हैं दो
    दोनों मिलकर फिर
    कहलाते दोनों एक
    दोनों में से अचानक
    एक का बिछड़ जाना
    जीवन की गणित का
    बिगड़ता ताना-बाना
    वो एक कमी दे जाती
    अपनी आंखों में नमी
    आसमां तन्हा होता
    सुनी हो जाती जमीं
    हो सके तो किसी को
    कभी बिछड़ने ना देना
    खुशी के गुलिस्ता को
    यूँही उझड़ने ना देना
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  13. इस कदर बेकदर हम
    तुझे ढूंढते फिरते रहे
    तेरी तलाश में आंखों
    से यूँ अश्क गिरते रहे
    होंठ सुर्ख होने लगे
    आंखें भी तरस गई
    उम्मीदों में नमी थी
    जो जितनी बरस गई
    अब भी इंतजार है
    धड़कने बेकरार है
    तुझसे प्यार था बस
    तुझसे ही प्यार है
    होश में अब क्या
    आऊं मैं कैसे तुझे
    तो अब भुलाऊं मैं
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  14. आज भी खलती है मुझे तेरी कमी
    इन आंखों में रहती है वैसी ही नमी
    आज भी याद करता तुझे मेरा दिल
    आज भी सुनी जिंदगी की महफिल
    आज भी बस तेरा इंतजार रहता है
    आज भी मुझे बस तुझसे प्यार है
    ना इकरार किया ना इजहार किया
    तेरे ही इजहार को दिल बेकरार है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  15. दिल के अरमान क्या कहे हम
    कब तक ये दर्दों-गम सहे हम
    तुम इशारा कर दो आंखों से
    तभी तो हाले-दिल कहे हम
    तुम चुप रहोगी जब तलक
    तो हम भी यूँ खामोश रहेंगे
    जब तक तुम कुछ न कहोगी
    तब तक हम भी कुछ न कहेंगे
    अब तो लबों से इजहार करो
    हम पर जरा तो एतबार करो
    चुप्पी का मतलब क्या समझे
    इजहार करो या इनकार करो
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  16. उनकी तमाम यादों का कारवां
    मेरी धड़कनों के साथ चलता है
    मेरी आंखों से उतरा है जब से
    तबसे दिलो-दिमाग में पलता है
    कुछ कशिश थी उनकी बातों में
    वो बातें तमाम भूल नहीं पाता हूं
    इत्तेफाक से उनसे मिलना हुआ
    वो मुलाकातें भूल नहीं पाता हूँ
    उनसे मिलना उनसे बातें करना
    वो सब मेरे दिल का सुकून था
    उन्हें मेरी तन्हा जिंदगी में लाना
    मेरे इस जिगर का तो जुनून था
    पर मेरे नसीब ने ये धोखा दिया
    फिर ना मिलने का मौका दिया
    मेरी इस किस्मत की बेरुखी ने
    बड़ा ही गजब मुझे चौंका दिया
    अब किस के सर ये इल्जाम दूं
    क्या हो गर किसी का नाम लूं
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  17. इन आंखों में नमी है
    दिल में कुछ बात है
    जख्म फिर हरे हुए
    बरसात की रात है
    भुले नहीं वो दिन
    सुहाना था मौसम
    बरसात की रात में
    जब भीगे थे हम
    छुईमुई-सी हो गई
    जब मैंने तुझे छुआ
    अलाव वो बुझ गया
    बस रह गया धुआँ
    हमारी मोहब्बत का
    अंजाम क्या हुआ
    ना तु मेरी हो सकी
    ना ही मैं तेरा हुआ
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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