बसंत पंचमी (Basant Panchami)

बसंत पंचमी

बसंत पंचमी को श्रीपंचमी, ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है। यह त्योहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। इस साल बसंत पंचमी आज (14 फरवरी 2024, बुधवार) को मनाया जा रहा है। बसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है, जो आमतौर पर फरवरी में वसंत ऋतु के दौरान मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जो ज्ञान, संगीत और शिक्षा की देवी हैं। 

बसंत पंचमी (Basant Panchami)

हिंदू परंपराओं के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है, जिसमें बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल हैं। इन ऋतुओं में से बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है और इसी कारण जिस दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है, उस दिन को बसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

बसंत पंचमी (Basant Panchami)

हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथों में बसंत को अत्यंत शुभ माना गया है। पतझड़ के बाद बसंत ऋतु आती है। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि "ऋतुओं में मैं बसंत हूं."। बसंत में मौसम सामान्य होने लगता है। सर्द हवाओं के तेवर कमजोर पड़ने लगते हैं।  बंसत ऋतु में ना तो ज्यादा सर्दी होती है और ना ही गर्मी। इसलिए बंसत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है। 

पौराणिक मान्यता के अनुसार  भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रारंभ किया और मनुष्य की रचना की, लेकिन वे अपने सर्जन से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है। इसके बाद भगवान विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा जी ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। जैसे ही जल की छीटें पृथ्वी पर बिखरीं तो उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी।            

बसंत पंचमी (Basant Panchami)  

ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई। संसार के जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई। तब ब्रह्मा जी ने उन्हें वाणी की देवी सरस्वती कहा।. मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं. बसंत पंचमी के दिन वे प्रकट हुईं थीं, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है।आज के दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है। 

बसंत पंचमी (Basant Panchami)

बसंत लोगों का मनचाहा मौसम है, बसंत फूलों में बहार आने का मौसम है,खेतों में पीले चमकते सोने सदृश सरसों के फूलने का मौसम है, जौ और गेहूं की बालियों के खिलने का मौसम है,आम के पेड़ों पर बौर आने का मौसम है,हर तरफ रंग बिरंगी तितलियों के उड़ने का मौसम है,फूलों पर भौरों के मंडराने का मौसम है। साथ ही बसंत भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा का भी मौसम है।

आइए हम सभी इस समय तनाव रहित होकर ,खुश हों और सभी को खुशियां बांटें।

12 comments:

  1. जय मां सरस्वती 🙏🏻

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  2. जय माँ सरस्वती

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  3. आप और आपके पूरे परिवार को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻 जय मां लक्ष्मी 🙏🏻

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  4. शुभ बसंत पंचमी

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  5. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🚩🚩जय जय माँ सरस्वती🚩🚩
    🙏आपको भी परिवार सहित बसंत पंचमी के पावन पर्व की बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें💐💐
    🙏माँ सरस्वती का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे🙏
    #बसंत_पंचमी_की_हार्दिक_शुभकामनाएं💐💐

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  6. जय मां सरस्वती को की।शुभ बसंत पंचमी





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