हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला

हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला

हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला

हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला

में वो लहर हूँ जिसे किनारा न मिला


मिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मैंने

मिला नहीं तो सिर्फ साथ तुम्हारा न मिला


वैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान मिला

मगर जो हम ढूंढ़ रहे थे वो सितारा न मिला


कुछ इस तरह से बदली पहर ज़िन्दगी की हमारी

फिर जिसको भी पुकारा वो दुबारा न मिला


एहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गयी

उसने जब ढूँढा तो निशान भी हमारा न मिला

31 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 28 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    ReplyDelete
    Replies
    1. "पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को लिंक करने के लिए आपका हार्दिक आभार।

      Delete
  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" रविवार 28 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    ReplyDelete
    Replies
    1. "पांच लिंकों के आनन्द में" इस रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार।

      Delete
  3. 🙏🙏💐💐सुप्रभात 🕉️
    🙏ॐ नमः शिवाय 🚩🚩🚩
    🙏जय शिव शम्भू 🚩🚩🚩
    🙏आप का दिन मंगलमय हो 🙏
    🙏हर हर महादेव 🚩🚩🚩
    🙏महादेव का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे 🙏🙏

    ReplyDelete
  4. सुबह की गुनगुनी धूप के साथ बेहतरीन कविता

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन कविता

    ReplyDelete
  6. उत्कृष्ट भावपूर्ण रचना🙏🏻✍️

    ReplyDelete
  7. Very beautiful poem 👌👌👌👌

    ReplyDelete
  8. Very nice 👌 👍 👏

    ReplyDelete
  9. पवन कुमारJanuary 28, 2024 at 3:29 PM

    आती सुंदर रचना🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  10. पवन कुमारJanuary 28, 2024 at 3:30 PM

    अति सुन्दर रचना 🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  11. अति सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  12. Very Nice Poem And Truely 💖 heart Touching

    ReplyDelete