सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

सुचेता कृपलानी 

Born: 25 June 1908, Ambala 
Died: 1 December 1974, नई दिल्ली 

भारत के इतिहास में समय समय पर देश की वीरांगनाओं ने अपना योगदान दिया है। कुछ वीरांगनाएं ऐसी थीं, जिनसे अंग्रेज शासक और मुगल शासक थर थर कांपते थे, जिनमें रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, तारा बाई भोसले, दुर्गावती बोहरा, रानी कर्णावती प्रमुख नाम हैं। भारतीय राजनीति में भी महिलाओं ने हमेशा बढ़-चढ़कर भाग लिया है। सरोजिनी नायडू, सुचिता कृपलानी, इंदिरा गांधी जैसी महिला राजनीतिज्ञों ने देश का गौरव बढ़ाया है। हालांकि आज़ादी के दौर में महिलाएं राजनीति में बड़ी जिम्मेदारियां नहीं संभालती थीं, ऐसे में उस दौर में सुचिता कृपलानी आजाद भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के रूप में सामने आईं।

सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

आजादी की जंग में भी सुचेता स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उभरकर सामने आईं थीं। इतना ही नहीं जब देश का संविधान बनाया गया। तब उनके लिए अलग सभा का गठन किया गया। उस दौरान सुचेता ने महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने भारत के संविधान में महिलाओं के अधिकारों को और मजबूत बनाया। यही वजह है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रथम दावेदारों में से एक माना गया।

सुचेता कृपलानी का जन्म 25 जून 1908 को हरियाणा के अंबाला शहर में सम्पन्न बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ। सुचेता बंगाली परिवार से थीं। उनके पिता नाम एस.एन मजूमदार ब्रिटिश सरकार के अधीन डॉक्टर थे। वे प्रसिद्ध गांधीवादी नेता आचार्य कृपलानी की पत्नी थीं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कई स्कूलों में पूरी हुई क्योंकि हर दो-तीन वर्ष में पिता का तबादला होता रहता था। आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें दिल्ली भेज दिया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उन्होंने इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की।

सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

कॉलेज से निकलने के बाद ही 21 वर्ष की उम्र में सुचेता कृपलानी स्वतंत्रता संग्राम में कूदना चाहती थीं पर दुर्भाग्यवश 1929 में उनके पिता और बहन की मृत्यु होने की वजह से परिवार को संभालने की जिम्मदारी सुचेता के कंधो पर आ गयी। इसके बाद, वे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संवैधानिक इतिहास की व्याख्याता बन गईं। 

सन 1936 में अठाइस साल की उम्र में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य नेता जेबी कृपलानी से विवाह किया। सुचेता के इस कदम का उनके घर वालों के साथ महात्मा गांधी ने भी विरोध किया था। जेबी कृपलानी सिन्धी थे और उम्र में सुचेता कृपलानी से बीस साल बड़े थे। इसके अलावा गाँधीजी को डर था कि इस विवाह के कारण आचार्य जो उनके "दाहिने हाथ" थे, कहीं स्वतंत्रता संग्राम से पीछे न हट जाँय। आचार्य कृपलानी का साथ पाकर सुचेता पूरी तरह से राजनीति में कूद पड़ीं। 

आजादी की जंग में सुचेता कृपलानी ने अहम भूमिका निभाई। उस दौरान ही वो राजनीति में सक्रिय हुईं। साल 1952 में सुचेता कृपलानी लोकसभा की सदस्य के रूप में निर्वाचित हुईं। साल 1957 में दिल्ली सरकार की विधानसभा का सदस्य बनाया गया, जहां उन्हें लघु उद्योग मंत्रालय दिया गया। साल 1962 में सुचेता कानपुर से विधानसभा सदस्य चुनी गईं, इसी के साथ साल 1963 में देश को उसकी पहली महिला मुख्यमंत्री मंत्री मिली।

सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

सन 1971 में उन्होने राजनीति से संन्यास ले लिया। राजनीति से सन्यास लेने के बाद वे अपने पति के साथ दिल्ली में बस गयीं। निःसन्तान होने के कारण उन्होंने अपना सारा धन और संसाधन लोक कल्याण समिति को दान कर दिया। इसी समय, उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘एन अनफिनिश्ड ऑटोबायोग्राफी’ लिखनी शुरू की, जो तीन भागों में में प्रकाशित हुई। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य गिरता गया और 1 दिसम्बर 1974 को हृदय गति रूक जाने से उनका निधन हो गया। 

Sucheta Kripalani

Born: 25 June 1908, Ambala
Died: 1 December 1974, New Delhi

From time to time, the country's brave women have contributed to the history of India. There were some brave women who made the British rulers and the Mughal rulers tremble, among whom the prominent names are Rani Laxmibai, Jhalkari Bai, Tara Bai Bhosale, Durgavati Bohra, Rani Karnavati. Women have always participated actively in Indian politics. Women politicians like Sarojini Naidu, Suchita Kripalani, Indira Gandhi have brought pride to the country. Although during the era of independence, women did not assume major responsibilities in politics, in such a situation, Suchita Kripalani emerged as the first woman Chief Minister of independent India.

सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

Even during the freedom struggle, Sucheta had emerged as a freedom fighter. Not only this, when the Constitution of the country was made. Then a separate assembly was formed for them. During that time Sucheta represented women. She further strengthened women's rights in the Constitution of India. This is the reason why he was considered one of the first contenders to become the Chief Minister.

Sucheta Kripalani was born on 25 June 1908 in a prosperous Bengali Brahmin family in Ambala city of Haryana. Sucheta was from a Bengali family. His father name S.N Majumdar was a doctor under the British government. She was the wife of the famous Gandhian leader Acharya Kripalani. His early education was completed in several schools because his father was transferred every two-three years. He was sent to Delhi for further studies. He obtained his bachelor's degree in History from St. Stephen's College, Delhi University.

After leaving college, at the age of 21, Sucheta Kripalani wanted to jump into the freedom struggle, but unfortunately, due to the death of her father and sister in 1929, the responsibility of taking care of the family fell on Sucheta's shoulders. Subsequently, she became a lecturer in constitutional history at Banaras Hindu University (BHU).

In 1936, at the age of twenty-eight, she married JB Kripalani, the main leader of the Indian National Congress. This step of Sucheta was opposed by Mahatma Gandhi along with her family members. JB Kripalani was a Sindhi and was twenty years older than Sucheta Kripalani. Apart from this, Gandhiji was afraid that due to this marriage, Acharya, who was his "right hand", might step back from the freedom struggle. With the support of Acharya Kripalani, Sucheta completely jumped into politics.

Sucheta Kripalani played an important role in the freedom struggle. It was during that time that she became active in politics. In the year 1952, Sucheta Kripalani was elected as a member of the Lok Sabha. In the year 1957, he was made a member of the Delhi Government Assembly, where he was given the Ministry of Small Industries. In the year 1962, Sucheta was elected assembly member from Kanpur, with this, in the year 1963, the country got its first woman Chief Minister.

सुचेता कृपलानी || Sucheta Kriplani

He retired from politics in 1971. After retiring from politics, she settled in Delhi with her husband. Being childless, he donated all his wealth and resources to the Lok Kalyan Samiti. At the same time, he began writing his autobiography ‘An Unfinished Autobiography’, which was published in three parts. Gradually his health deteriorated and he died on 1 December 1974 due to heart failure.

10 comments:

  1. भारतवर्ष के ऐसे महान विभूति को नमन है🙏

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  2. कोटि कोटि नमन 🙏🏻

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  3. 🙏आदरणीय सुचेता कृपलानी जी को कोटि कोटि नमन 💐💐
    🙏जय माँ भवानी 🚩🚩🚩
    🙏जय माँ भारती 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
    🇮🇳जयहिंद 🇮🇳वन्देमातरम 🇮🇳
    👌👌👌बहुत महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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