अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya

अयोध्या का राम मंदिर

अयोध्या का राम मंदिर आजकल हर किसी की जुबान पर है और भगवान श्री राम तो हर सनातनी के दिल में वास करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को 12:20 पर तय किया गया है।

अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya

राम मन्दिर अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर बनाया जा रहा एक हिन्दू मन्दिर है। जहाँ रामायण के अनुसार, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता भगवान श्रीराम का जन्मस्थान है। मन्दिर निर्माण की पर्यवेक्षण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है। 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधान मन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भूमिपूजन अनुष्ठान किया गया था और मन्दिर का निर्माण आरम्भ हुआ था। 

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था। हिंदू पक्ष के मुताबिक 1528 में मुगल बादशाह बाबर के सिपहसलार मीर बाकी ने मंदिर गिराकर बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) बनवाई थी। 1528 से लेकर 2020 तक यानी 492 साल के इतिहास में कई मोड़ आए। कुछ मील के पत्थर भी पार किए गए। खास तौर से 9 नवंबर 2019 का दिन जब 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने ऐतिहासिक फैसले को सुनाया। अयोध्या जमीन विवाद मामला देश के सबसे लंबे चलने वाले केस में से एक रहा।         

Laser light show in Ram Temple Ayodhya 

सन् 1528 में मुगल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने (विवादित जगह पर) एक मस्जिद का निर्माण कराया। इसे लेकर हिंदू समुदाय ने दावा किया कि यह जगह भगवान राम की जन्मभूमि है और यहां एक प्राचीन मंदिर था। हिंदू पक्ष के मुताबिक मुख्य गुंबद के नीचे ही भगवान राम का जन्मस्थान था। बाबरी मस्जिद में तीन गुंबदें थीं।

सन् 1853 में इस जगह के आसपास पहली बार दंगे हुए। 1859 में अंग्रेजी प्रशासन ने विवादित जगह के आसपास बाड़ लगा दी। मुसलमानों को ढांचे के अंदर और हिंदुओं को बाहर चबूतरे पर पूजा करने की इजाजत दी गई।         
अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya
सन् 1949 में असली विवाद शुरू हुआ 23 दिसंबर 1949 को, जब भगवान राम की मूर्तियां मस्जिद में पाई गईं। हिंदुओं का कहना था कि भगवान राम प्रकट हुए हैं, जबकि मुसलमानों ने आरोप लगाया कि किसी ने रात में चुपचाप मूर्तियां वहां रख दीं। यूपी सरकार ने मूर्तियां हटाने का आदेश दिया, लेकिन जिला मैजिस्ट्रेट (डीएम) केके नायर ने दंगों और हिंदुओं की भावनाओं के भड़कने के डर से इस आदेश को पूरा करने में असमर्थता जताई। सरकार ने इसे विवादित ढांचा मानकर ताला लगवा दिया।

सन् 1950 में फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की गई। इसमें एक में रामलला की पूजा की इजाजत और दूसरे में विवादित ढांचे में भगवान राम की मूर्ति रखे रहने की इजाजत मांगी गई। 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने तीसरी अर्जी दाखिल की।

सन् 1961 में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अर्जी दाखिल कर विवादित जगह के पजेशन और मूर्तियां हटाने की मांग की। 1984 में विवादित ढांचे की जगह मंदिर बनाने के लिए 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने एक कमिटी गठित की।1986 में यूसी पांडे की याचिका पर फैजाबाद के जिला जज केएम पांडे ने 1 फरवरी 1986 को हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत देते हुए ढांचे पर से ताला हटाने का आदेश दिया।                  
अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya
6 दिसंबर 1992 को वीएचपी और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को गिरा दिया। देश भर में सांप्रदायिक दंगे भड़के गए, जिनमें 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। फिर सन्  2002 में हिंदू कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही ट्रेन में गोधरा में आग लगा दी गई, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई। इसकी वजह से गुजरात में हुए दंगे में 2 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।                  

सन् 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच 3 बराबर-बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का आह्वान किया। 

8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा। पैनल को 8 सप्ताह के अंदर कार्यवाही खत्म करने को कहा। 1 अगस्त 2019 को मध्यस्थता पैनल ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। 2 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता पैनल मामले का समाधान निकालने में विफल रहा। 6 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई। 16 अक्टूबर 2019 को अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।

9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया। 2.77 एकड़ विवादित जमीन हिंदू पक्ष को मिली। मस्जिद के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया कराने का आदेश दिया गया। 25 मार्च 2020 को तकरीबन 28 साल बाद रामलला टेंट से निकलर मंदिर में प्रवेश हुए। 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम किया गया। 

अब मंदिर लगभग पूरा बनकर तैयार है, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को 12:20 पर तय किया गया है।
जय श्री राम 🙏

English Translate

Ram temple of Ayodhya

Ram temple of Ayodhya is on everyone's lips these days and Lord Shri Ram resides in the heart of every Sanatani. As you all know, the inauguration of the grand Ram temple being built in Ayodhya, Uttar Pradesh has been fixed on 22 January 2024 at 12:20.
अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya
Ram Mandir is a Hindu temple being built at the site of Ram Janmabhoomi in Ayodhya. Where according to Ramayana, it is the birthplace of Lord Shri Ram, the main deity of Hindu religion. The construction of the temple is being supervised by Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra. On 5 August 2020, the Bhoomi Pujan ritual was performed by the Prime Minister of India, Shri Narendra Modi and the construction of the temple started.

The constitutional bench of five judges of the Supreme Court had given its verdict in favor of Ram Temple on 9 November 2019. According to the Hindu side, in 1528, Mughal emperor Babar's commander Mir Baqi had demolished the temple and built Babri Masjid. There were many turning points in the history of 492 years from 1528 to 2020. Some milestones were also crossed. Especially the day of 9 November 2019 when the constitutional bench of 5 judges gave the historic decision. The Ayodhya land dispute case has been one of the longest running cases in the country.

In 1528, Mughal emperor Babar's general Mir Baqi built a mosque (at the disputed site). Regarding this, the Hindu community claimed that this place was the birthplace of Lord Ram and there was an ancient temple here. According to the Hindu side, the birthplace of Lord Rama was below the main dome. Babri Masjid had three domes.

For the first time, riots took place around this place in 1853. In 1859 the British administration erected a fence around the disputed site. Muslims were allowed to worship inside the structure and Hindus were allowed to worship outside on the platform.

The real controversy started in 1949 on 23 December 1949, when idols of Lord Ram were found in the mosque. Hindus said that Lord Rama had appeared, while Muslims alleged that someone quietly placed the idols there at night. The UP government ordered the removal of the statues, but District Magistrate (DM) KK Nair expressed his inability to carry out the order for fear of riots and inflaming Hindu sentiments. The government considered it a disputed structure and got it locked.

In 1950, two petitions were filed in Faizabad Civil Court. In one of them, permission was sought to worship Ramlala and in the other, permission was sought to keep the idol of Lord Ram in the disputed structure. In 1959, Nirmohi Akhara filed a third application.

In 1961, the UP Sunni Waqf Board filed an application demanding possession of the disputed site and removal of the statues. Vishwa Hindu Parishad formed a committee in 1984 to build a temple in place of the disputed structure. In 1986, on the petition of UC Pandey, Faizabad District Judge KM Pandey, on 1 February 1986, demolished the structure, allowing Hindus to worship there. Ordered to remove the lock.

On 6 December 1992, lakhs of workers of VHP and Shiv Sena and other Hindu organizations demolished the disputed structure. Communal riots broke out across the country, in which more than 2 thousand people were killed. Then in 2002, a train carrying Hindu activists was set on fire in Godhra, in which 58 people died. Because of this, more than 2 thousand people were killed in the riots in Gujarat.

In 2010, Allahabad High Court in its decision ordered to divide the disputed site into 3 equal parts between Sunni Waqf Board, Ram Lalla Virajman and Nirmohi Akhara. In 2011, the Supreme Court stayed the Allahabad High Court's decision on the Ayodhya dispute. In 2017, the Supreme Court called for out-of-court settlements.
अयोध्या का राम मंदिर || Ram temple of Ayodhya
On March 8, 2019, the Supreme Court referred the case to arbitration. The panel was asked to conclude the proceedings within 8 weeks. The arbitration panel submitted its report on 1 August 2019. On 2 August 2019, the Supreme Court said that the arbitration panel had failed to resolve the case. On 6 August 2019, daily hearing of the Ayodhya case started in the Supreme Court. Hearing of Ayodhya case completed on 16 October 2019. The Supreme Court reserved the decision.

On 9 November 2019, a five-judge bench of the Supreme Court ruled in favor of the Ram temple. The Hindu side got 2.77 acres of disputed land. An order was given to provide separate 5 acres of land for the mosque. On March 25, 2020, after almost 28 years, Ramlala came out of the tent and entered the temple. Bhoomi pujan program of Ram temple was conducted on 5 August 2020.

Now the temple is almost complete, the inauguration of which is scheduled on 22 January 2024 at 12:20.
Jai Shri Ram 🙏

16 comments:

  1. जय श्री राम ।
    🕉️👏🌹🙏

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  2. जय श्री राम जी🏵️🙏🕉️🙏🏵️

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  3. जय-जय श्री राम🙏🚩
    जय-जय सियाराम🙌🚩
    श्रीराम-लक्ष्मण-जानकी🙌👸🙌
    जय बोलो हनुमान की🙏💪🚩

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  4. जय श्री राम

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  5. 🙏मेरे राम तेरी महिमा का🙏
    🚩मैं कितना करूँ बखान🚩
    🙏राम नाम से है हर हिंदू🙏
    🚩राम नाम से हिंदुस्तान🚩
    🙏सुबह-शाम दिन-रात🙏
    🚩हम करते हैं तेरा ध्यान🚩
    🙏परम भक्त हनुमान में🙏
    🚩बसे हुए आपके प्राण🚩
    🙏सुंदर पावन है ये नाम🙏
    🚩अयोध्या आपका धाम🚩
    🙏सीता माता है संगिनी🙏
    🚩लक्ष्मण है भाई महान🚩
    🙏संपूर्ण जगत आपका🙏
    🚩नित्य करता है बखान🚩
    🚩🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🚩

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  6. बड़ी मुद्दत बाद ये शुभ घड़ी आई है
    श्री राम भक्तों की मेहनत रंग लाई है
    अयोध्या के पावन राम-धाम के लिए
    लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई है
    अयोध्या में मंदिर भूमि-पूजन हुआ
    शर्म से पानी-पानी हर वो दुर्जन हुआ
    खुशी से भरपूर ओतप्रोत-अश्रुपूरित
    उन बलिदानों का हर परिजन हुआ
    मुद्दतों से शुभ-घड़ी का इंतजार था
    बलिदान हेतु हर राम-भक्त तैयार था
    कितनों ने श्रीराम के नाम कुर्बानी दी
    क्योंकि राम से उनका प्रेम-दुलार था
    500 वर्षों के तप का सौभाग्य मिला
    राम-नाम से समझो अब भाग्य खिला
    समस्त रामभक्तों का इसमें योगदान
    हमारी उनसे अटूट-आस्था का सिला
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  7. जय श्री सीताराम

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  8. पवन कुमारNovember 29, 2023 at 8:39 AM

    🌹🙏सब प्रभु श्री राम की महिमा है🙏🌹

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  9. अद्भुत

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  10. 🙏🙏💐💐शुभरात्रि 🕉️
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
    🚩🚩जय जय सियाराम 🚩🚩
    👍👍🙏🙏बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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