जामुन (Black Berry)
आजकल बाजार में काले - काले छोटे - छोटे जामुन देखने को मिलते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जामुन (Jamun fruit) के बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन के फायदे अनेक हैं। गर्मी के मौसम में आम के आने के समय जामुन (black berry) भी आ जाता है। यह फल रसीला होने के साथ-साथ प्रोटीन, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, फ्लेवोनोइड, मैंगनीज, पोटेशियम, फास्फोरस और कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत हैं।
जामुन क्या है?
औषधीय रूप में जामुन के बीज, पत्ते तथा छाल का ही प्रयोग किया जाता है। जामुन की मुख्य प्रजाति के अतिरिक्त पाई जाने वाली अन्य प्रजातियां कम गुण वाली होती है। जामुन की पांच प्रजातियां पायी जाती हैं,
जानते हैं जामुन के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में
आयुर्वेद में जामुन को सबसे ज्यादा मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है। इसके साथ ही जामुन, खाना को हजम करने के साथ-साथ दांतों के लिए, आंखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए, किडनी स्टोन के लिए भी फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भी होता है, इसलिए ये बच्चों के सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
मधुमेह को नियंत्रित करता है
आयुर्वेद मधुमेह से लड़ने के लिए जामुन खाने की सलाह देता है। इस फल के बीज में जैम्बोलिन और जैम्बोसाइन नामक सक्रिय तत्व होते हैं, जो रक्त में जारी शर्करा की दर को धीमा कर देते हैं और शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण यह शुगर के रोगियों के लिए उपयुक्त है। यह स्टार्च को ऊर्जा में परिवर्तित करता है और मधुमेह के लक्षणों को कम करता है जैसे बार-बार पेशाब आना।
स्वस्थ हृदय के लिए
जामुन उच्च मात्रा में पोटेशियम से भरा हुआ है। दिल से संबंधित बीमारियों को दूर रखने में यह बेहद फायदेमंद है। जामुन का नियमित सेवन धमनियों को सख्त होने से रोकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस होता है। यह उच्च रक्तचाप के विभिन्न लक्षणों को कम करता है, जिससे स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा कम होता है।
विटामिन C से भरपूर
विटामिन C का एक उत्कृष्ट स्रोत होने के कारण इसके कई फायदे हैं। विटामिन-C या एस्कॉर्बिक एसिड के एंटीऑक्सीडेंट गुण घावों को भरने, दांतों, हड्डियों और कार्टिलेज को मजबूत करने में मदद करते हैं। इसे व्यापक रूप से एक इम्युनिटी बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है
वजन घटाने में कारगर
कम कैलोरी और उच्च फाइबर होने के कारण, जामुन वजन घटाने वाले सभी आहारों और व्यंजनों में एक आदर्श फल है। यह आपके पाचन में सुधार करता है और औषधीय गुण शरीर के चयापचय को बढ़ावा देने के अलावा वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद करते हैं।
एनीमिया में फायदेमंद
जामुन में आयरन की प्रचुरता इसे रक्त को शुद्ध करने वाले प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में से एक बनाती है, लाल रक्त कोशिकाओं और रक्त के हीमोग्लोबिन की संख्या को बढ़ाती है। इसके अलावा यह शरीर को कमजोरी और थकान से उबरने में मदद करता है।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
जामुन फाइबर से भरा हुआ है, जो बीमारियों को रोकता है। ये पाचन में सहायता करता है और कब्ज, बाउल डिसऑर्डर, घबराहट, दस्त और पेचिश जैसी कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को ठीक करता है।
मुँहासे दूर करने में
जामुन के रस का उपयोग पिम्पल्स यानि मुंहासों को कम करने किया जाता है। इसके लिए जामुन या इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से ये अधिक मात्रा में तैल को त्वचा पर आने से रोकता है, जिससे पिम्पल्स जैसी समस्याओ में आराम मिलता है। जामुन में कषाय गुण होने के कारण त्वचा के विकारो में फायदेमंद होता है।
त्वचा और आँखों के लिए
जामुन का त्वचा के रोगों को दूर करने के लिए आंतरिक और बाहय दोनों प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। जामुन की छाल एक अच्छी रक्तशोधक होती है, जो कि खून को साफ़ कर त्वचा के रोगो को दूर करती है। साथ ही बाहय रूप से प्रयोग के करने पर जामुन कषाय होने से त्वचा रोग में लाभदायक होता है। जामुन का रस स्किन पर लगाने से पिम्पल्स जैसे विकारो से आराम मिलता है।
आँखों के बीमारी
बच्चों हो या बड़े, सभी को आंखों से संबंधित परेशानी होती ही हैं। आंखों से संबंधित कई तरह के विकार होते हैं, जैसे- आंखों का दुखना। इसमें जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। जामुन के 15-20 कोमल पत्तों को 400 मिली पानी में पका लें। जब यह काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इससे आंखों को धोएं। इससे लाभ होता है।
मोतियाबिंद रोग में
अनेक लोगों को मोतियाबिंद की समस्या होती है, इसमें जामुन बहुत ही काम आता है। जामुन की गुठली के चूर्ण को शहद में अच्छी तरह से मिला लें। इसकी तीन-तीन ग्राम की गोलियां बना लें। रोज 1-2 गोली सुबह-शाम खाएं। इन्हीं गोलियों को शहद में घिसकर काजल की तरह लगाएं। इससे मोतियाबिन्द में लाभ मिलता है।
दांत दर्द के लिए
दांत संबंधी किसी भी समस्या में जामुन फायदेमंद होता है। जामुन के पत्तों की राख बना लें। इससे दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। जामुन के पके हुए फलों के रस को मुंह में भरकर, अच्छी तरह हिलाकर कुल्ला करें। इससे पाइरिया ठीक होता है।
मुंह के छाले में
अक्सर खान-पान में बदलाव होने पर मुँह में छाले होने लगते हैं। जामुन के पत्तों के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में लाभ होता है। 10-15 मिली जामुन के फल के रस का नियमित सेवन करें।
पेचिश में
- 2-5 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिला लें। इसे 250 मिली दूध के साथ पिएं। इससे पेचिश में फायदा होता है।
- 10 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल को 500 मिली पानी में पकाएं। जब यह एक चौथाई बच जाए तो पिएं। इससे पेचिश में लाभ मिलता है। इस काढ़ा को 20-30 मिली की मात्रा में दिन में 3 बार पीना चाहिए।
बवासीर या पाइल्स के दर्द में
पाइल्स या बवासीर होने पर जामुन के कोमल कोपलों के 20 मिली रस में, थोड़ी-सी शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से बवासीर से बहने वाला खून बन्द हो जाता है।
पीलिया में
पीलिया होने पर जामुन का सेवन करें। जामुन के 10-15 मिली रस में 2 चम्मच मधु मिला लें। इसका सेवन करने से पीलिया, खून की कमी तथा रक्त-विकार में लाभ होता है।
जामुन के नुकसान (Side Effects of Black Berry)
जामुन का पका हुआ फल अधिक खाने से पेट और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। यह देर से पचता है, कफ बढ़ाता है, तथा फेफड़ों के विकार का कारण बनता है। इसको अधिक खाने से बुखार भी आने लगता है। इसमें नमक मिलाकर खाना चाहिए।
विभिन्न भाषाओं में जामुन के नाम
Sanskrit– फलेन्द्रा, राजजम्बू, महाफला, सुरभिपत्रा, महाजम्बू, जम्बू;
Hindi– बड़ी जामुन, फड़ेना, फलेन्द्र, राजजामुन;
Assamese– जमू (Jamu);
Urdu– जामन (Jaman);
Oriya– जामो (Jamo), भूतोजामो (Bhotojamo);
Konkani– जम्बोल (Jambol);
Kannada– जम्बुनेराले (Jambunaerale), नराला (Narala);
Gujarati– जाम्बु (Jambu), झम्बूडी (Jhambudi);
Telugu– नीरेडु (Neredu), जम्बूवू (Jambuvu);
Tamil– नवल (Naval),सम्बल (Sambal);
Bengali– जाम (Jam), कालाजाम (Kalajam);
Nepali– कालो जामुन (Kalo jaamun);
Punjabi– जामूल (Jamul);
Marathi– जाम्बूल (Jambul), जामन (Jaman), राजाजाम्बूल (Rajajambula);
Malayalam– नवल (Naval), पेरीनरल (Perinnaral)
English (jamun in English)– ब्लैक प्लम (Black plum), जम्बोलन प्लम (Jambolan plum), Jambul Tree (जम्बुल ट्री)।
🙏🙏
ReplyDeleteजामुन का बहुत महत्व है। इसकी अवधि बहुत कम होती है,मुश्किल से एक महीना। अपने दुर्लभ गुणों के कारण कई जगह इसे रानी की संज्ञा दी जाती ह है।
ReplyDeleteबहुत महत्वपूर्ण जानकारी
ReplyDeleteइतने फायदे पता ही नहीं थे
शुभ मंगल आयुर्वेद
ReplyDeleteजय मंगल आयुर्वेद
सर्व मंगल आयुर्वेद
श्री धन्वंतरी 🙏🚩🙌
महत्वपूर्ण फायदेमंद जानकारी
ReplyDeleteजामुन के औषधीय गुणों के बारे में बहुत ही उपयोगी जानकारी है 🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteમને બહુ જ પસંદ છે જાંબુડા મારા ઘરની બહાર જ છે અમારા વાડામાં જાંબુડા નું ઝાડ
ReplyDeleteVery nice information..
ReplyDeleteजामुन खाओ, सारे रोग दूर भगाओ
ReplyDeleteअच्छी जानकारी
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteGood knowledge
ReplyDeleteGood knowledge
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteTasty tasty
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