तेनालीराम - चोरी पकड़ी || Tenali Raman - Chori Pakdi ||

तेनालीराम - चोरी पकड़ी

एक बार विजयनगर राज्य में लगातार चोरी होनी शुरू हुई। हर दिन कहीं न कहीं चोरी की घटनाएं घटने लगी। साधारण जनता तो परेशान थी ही, पर सेठ साहूकार चोरी की घटना से ज्यादा परेशान थे। सेठों ने आकर राजा के दरबार में दुहाई दी - "महाराज! हम लूट गए बरबाद हो गए। रात को ताला तोड़कर चोर हमारी तिजोरी का सारा धन उड़ा ले गए।"

तेनालीराम - चोरी पकड़ी || Tenali Raman - Chori Pakdi ||

राजा कृष्णदेव राय ने इन घटनाओं की जांच कोतवाल से करवाई, पर कुछ भी हाथ नहीं लगा। 

राजा बहुत चिंतित हुए। चोरी की घटनाएं होती रहीं। चोरों की हिम्मत बढ़ती जा रही थी। 

बात को बहुत ज्यादा बिगड़ता देख राजा ने एक सभा बुलाई। महाराज ने सभा में मौजूद दरबारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा - "क्या आप में से कोई भी ऐसा नहीं, जो चोरों को पकड़वाने की जिम्मेदारी ले सके?"

सारे दरबारी एक- दूसरे का मुंह देखने लगे। तेनालीराम ने उठकर कहा - महाराज! यह जिम्मेदारी मैं लूंगा। महाराज ने थोड़ी राहत की सांस लेते हुए कहा - तेनालीराम! जल्द से जल्द उन चोरों  लगाओ। 

तेनालीराम वहां से उठकर नगर के एक प्रमुख जौहरी के यहां गए। उस जौहरी से तेनालीराम ने अपनी योजना बताई और घर लौट आये। 

अगले दिन उस जौहरी ने अपने यहां आभूषणों की एक बड़ी प्रदर्शनी लगवाई। रात होने पर उसने सारे आभूषणों को एक तिजोरी में रखकर ताला लगा दिया। आधी रात को चोर आ धमके। ताला तोड़कर तिजोरी में रखे सारे आभूषण थैले में डालकर वे बाहर आए। जैसे ही वे सेठ की हवेली से बाहर जाने लगे सेठ को पता चल गया, उसने शोर मचा दिया। आस-पास के लोग भी आ जुटे। तेनालीराम भी अपने सिपाहियों के साथ वहीं छिपे बैठे थे। चारों तरफ से सभी को घेर लिया गया। 

तेनालीराम ने सैनिकों को आदेश दिया कि जिनके हाथों में लाल रंग लगा हुआ है, उन्हें पकड़ लो। तुरंत ही सारे चोर पकड़े गए। 

अगले दिन चोरों को दरबार में पेश किया गया। सभी के हाथों पर लगे रंग देखकर राजा ने पूछा - "तेनालीराम! यह क्या है?" 

तेनालीराम बोले - "महाराज! हमने तिजोरी पर गीला रंग लगा दिया था ताकि चोरी के इरादे से आए चोरों के शरीर पर रंग चढ़ जाए और हम उन्हें आसानी से पकड़ सकें।"

महाराज ने पूछा - "पर तुम वहां सिपाहियों को तैनात कर सकते थे।"

तेनालीराम बोले - "महाराज! इसमें उनके चोरों से मिल जाने की संभावना थी। दूसरी बात सिपाहियों की भनक लगने से चोर चोरी करने नहीं आते। यह सुनकर राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम की खूब प्रशंसा की।

English Translate

Chori Pakdi

Once upon a time there was constant piracy in the Vijayanagara kingdom. Every day the incidents of theft started happening somewhere. The general public was upset, but Seth Sahukar was more worried than the incident of theft. The Seths came and cried in the king's court - "Your Majesty! We were robbed and ruined. By breaking the lock at night, the thieves took away all the money in our vault."

तेनालीराम - चोरी पकड़ी || Tenali Raman - Chori Pakdi ||

King Krishna Deva Raya got these incidents investigated by the Kotwal, but nothing worked.

The king was very worried. Incidents of theft continued. The courage of the thieves was increasing.

Seeing things getting worse, the king called a meeting. The Maharaj expressed his displeasure at the courtiers present in the meeting and said - "Isn't there any of you who can take the responsibility of catching the thieves?"

All the courtiers looked at each other's faces. Tenaliram got up and said - Maharaj! I will take this responsibility. The Maharaj, breathing a sigh of relief, said - Tenaliram! Find those thieves as soon as possible.

Tenaliram got up from there and went to a prominent jeweler of the city. Tenaliram told his plan to that jeweler and returned home.

The next day the jeweler got a big exhibition of jewelery set up in his place. At night, he kept all the jewelery in a safe and locked it. Thieves came in the middle of the night. They came out by breaking the lock and putting all the jewelery kept in the safe in the bag. As soon as they started leaving Seth's mansion, Seth came to know about it, he made a noise. Neighbors also gathered. Tenaliram was also sitting there hiding with his soldiers. Everyone was surrounded from all sides.

Tenaliram ordered the soldiers to catch those whose hands were painted red. All the thieves were caught immediately.

The thieves were presented in the court the next day. Seeing the colors on everyone's hands, the king asked - "Tenaliram! What is this?"

Tenaliram said - "Your Majesty! We had put wet paint on the safe so that the thieves who came with the intention of stealing could get paint on their bodies and we could catch them easily."

Maharaj asked - "But you could have posted the soldiers there."

Tenaliram said - "Maharaj! There was a possibility of him joining the thieves. Secondly, because of the knowledge of the soldiers, thieves do not come to steal. On hearing this, King Krishnadevaraya praised Tenaliram very much.

14 comments:

  1. तेनालीराम की एक और चतुराई

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  2. बहुत ही सुंदर कहानी है

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  3. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति

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  4. So good knowledge

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  5. अच्छी कहानी

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  6. जबरदस्त 👏🏻👏🏻

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  7. अच्छी कहानी

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  8. अच्छी कहानी

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  9. Very nice.👌👌

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  10. Very nice

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  11. बचपन में देखे सपने
    जवानी में पूरे करने
    कोशिश से सब लगे डरने
    वापिस जाना लगा मन करने🙏🏻

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