गणेश मंदिर, खजराना || Ganesh Mandir, Khajrana ||

गणेश मंदिर खजराना

खजराना गणेश मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर में गणेश जी को समर्पित एक तीर्थ स्थल है। गर्भ गृह के द्वार, बाहरी और ऊपरी दीवारें चांदी से बनी हैं, और इस पर विभिन्न मनोदशाओं और त्योहारों को दर्शाया गया है।भगवान गणेश की आंखें हीरे से बनी हैं, जो इंदौर के एक व्यापारी द्वारा दान की गई थीं। इस मंदिर परिसर में 33 छोटे-बड़े मंदिर बने हुए हैं, जहां भगवान राम, शिव, मां दुर्गा, साईंबाबा,हनुमान जी सहित अनेक देवी देवताओं के मंदिर हैं।मंदिर परिसर में पीपल का एक प्राचीन पेड़ भी है।

गणेश मंदिर, खजराना || Ganesh Mandir, Khajrana ||

खजराना गणेश मंदिर को बहुत ही चमत्कारिक माना जाता है। इस मंदिर में गणेश जी के मंदिर के पीछे की दीवार यानी गणेश जी के पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से भक्त गण की हर मनोकामना पूरी होती है।कहते हैं कि यह चलन यहां पर कई सालों से चला आ रहा है।मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान गणेश का आशीर्वाद लेते हैं। एक अन्य मान्यता है कि मंदिर के तीन परिक्रमा लगाते हुए धागा बांधने से भी इच्छा पूर्ति होती है। ज्यादातर बुधवार और रविवार को विशाल संख्या में इस मंदिर में दर्शन करने के लिए लोग आते हैं।

284 साल पुराने इस मंदिर में गणेशजी की पीठ पर उल्टा स्वस्तिक बनाने से होती है मुराद पूरी

मंदिर का इतिहास

यह मंदिर 1735 में होल्कर वंश की बहादुर मराठा महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनवाया गया था। ऐसा माना जाता है कि औरंगजेब से मूर्ति की रक्षा के लिए मूर्ति को एक कुएं में छिपा दिया गया था। कुछ समय बाद भगवान गणेश जी स्वयं मंगल भट्ट नामक भक्त को स्वप्न में एक विशेष जगह पर खुदाई करने को कहा। यह बात उसने सबको बताई। माता अहिल्या बाई ने भक्त के बताए गए स्थान पर खुदाई शुरू करवाई तो पाषाण युग की एक प्रतिमा प्राप्त हुई। माता अहिल्या खुद विराट शिवभक्त थीं।वह भगवान गणेश की मूर्ति पाकर अत्यंत प्रसन्न हुईं, और इस मूर्ति की स्थापना राजवाड़े पर करवाना चाहती थीं।इस वजह से उन्होंने कई मजदूरों को उस मूर्ति को खजराना से राजवाड़ा पहुंचाने का आदेश दे दिया, लेकिन जब मजदूरों ने इस मूर्ति को उठाने का प्रयास किया तो वह उसे हिला भी नहीं सके। इसके बाद भक्त भट्ट ने माता अहिल्या से अनुमति मांग कर कहा कि 'भगवान गणेश का आदेश इसी जगह स्थापित करने का है', लिहाजा माता अहिल्या ने भी इसकी अनुमति दे दी। जैसे ही मंदिर के स्थान पर लाने के लिए मजदूर और अन्य भक्तों मूर्ति उठाने पहुंचे तो भार एकदम कम हो गया। वहां मौजूद सभी ईश्वर के इस चमत्कार से दंग रह गए। खजराना गांव में ही भगवान की स्थापना की गई। खजराना गणेश मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।

इच्छापूर्ति के लिए प्रसिद्ध है खजराना गणेश मंदिर, विदेशों से भी लगती हैं अर्जियां

विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर की अपनी अनोखी महिमा है। यह एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान की चौखट पर पट नहीं है, यहां भक्तों के लिए सदैव पट खुले रहते हैं।भक्तों के लिए 24 घंटे दर्शन की व्यवस्था है। हर वक्त एक विशेष मंत्र का जाप होता रहता है। मान्यता है कि जब भी किसी पर कोई विपत्ति आती है तो यहां पुजारियों के द्वारा एक विशेष अनुष्ठान और पूजन किया जाता है। धीरे-धीरे यह मंदिर तीर्थ स्थल का रूप ले लिया और यहां देश-विदेश से भी भक्त दर्शन करने आते हैं। मंदिर को नियमित रूप से दान के रुप में धन, सोना, हीरे और अन्य कीमती रत्न प्राप्त होते हैं।

गणेश मंदिर, खजराना उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूरी होती हैं सभी इच्छाएं

गणेश चतुर्थी के दिन यहां भक्तों की संख्या सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान का नित्य अभिषेक किया जाता है, और स्वर्ण मुकुट धारण करवाया जाता है। इसके साथ ही 51000 मोदक का भोग लगाया जाता है।गणेश चतुर्थी के दिन यहां मोदक का खास भोग कई वर्षों से लगाया जा रहा है। विशेष तरह का फूल और आकर्षक विद्युत सज्जा की जाती है।

गणेश मंदिर, खजराना इस गणेश मंदिर को माना जाता है चमत्कारी

English Translate

Ganesh Mandir, Khajrana

Khajrana Ganesh Temple is a pilgrimage site dedicated to Ganesha in Indore in the state of Madhya Pradesh, India. The gates, outer and upper walls of the sanctum sanctorum are made of silver, and depict various moods and festivals. Lord Ganesha's eyes are made of diamonds, which were donated by a merchant from Indore. There are 33 small and big temples in this temple complex, where there are temples of many deities including Lord Rama, Shiva, Maa Durga, Saibaba, Hanuman ji. There is also an ancient Peepal tree in the temple premises.

गणेश मंदिर, खजराना || Ganesh Mandir, Khajrana ||

Khajrana Ganesh Temple is considered to be very miraculous. In this temple, by making an inverted swastika on the back wall of Ganesh ji's temple, every wish of the devotee Gana is fulfilled. It is said that this practice has been going on here for many years. By making a straight swastika, take the blessings of Lord Ganesha. There is another belief that tying a thread while doing three rounds of the temple also fulfills the wish. People visit this temple in huge numbers mostly on Wednesdays and Sundays.

History of the Temple

This temple was built in 1735 by the brave Maratha Maharani Ahilyabai Holkar of the Holkar dynasty. It is believed that the idol was hidden in a well to protect the idol from Aurangzeb. After some time Lord Ganesha himself asked a devotee named Mangal Bhatt to dig a particular place in his dream. He told this to everyone. When Mata Ahilya Bai started excavation at the place mentioned by the devotee, a stone age statue was found. Mother Ahilya herself was a great devotee of Shiva. She was very pleased to get the idol of Lord Ganesha, and wanted to get this idol installed at the Rajwada. Because of this, she ordered many laborers to take that idol from Khajrana to Rajwada, but when the laborers When he tried to lift this idol, he could not even move it. After this, Bhakta Bhatt sought permission from Mother Ahilya and said that 'Lord Ganesha's order is to be established at this place', so Mother Ahilya also gave her permission. As soon as the laborers and other devotees arrived to lift the idol to bring it to the place of the temple, the load reduced drastically. Everyone present there was stunned by this miracle of God. God was established in Khajrana village itself. Khajrana Ganesh Temple has the belief that the wishes of every devotees who come here are fulfilled.

गणेश मंदिर, खजराना || Ganesh Mandir, Khajrana ||

The world famous Khajrana Ganesh Temple has its own unique glory. This is such a temple where there is no door on the door of the Lord, here the doors are always open for the devotees. There is a system of 24 hours darshan for the devotees. Every time a special mantra is chanted. It is believed that whenever there is any calamity on anyone, a special ritual and worship is performed by the priests here. Gradually this temple took the form of a pilgrimage site and devotees from all over the country and abroad also come here to visit. The temple receives regular donations of money, gold, diamonds and other precious gems.

On the day of Ganesh Chaturthi, the number of devotees here increases many times more than usual. On the day of Ganesh Chaturthi, the Lord is regularly anointed, and a golden crown is worn. Along with this, 51000 modaks are offered. On the day of Ganesh Chaturthi, special bhog of modak is being offered here for many years. Special flowers and attractive electrical decorations are done.

16 comments:

  1. जय सनातन धर्म की 🙏🏻

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर स्थान है
    इतनी जानकारी देने कै लिए आभार

    ReplyDelete
  3. Very good information

    Jai ganpati🙏🙏

    ReplyDelete
  4. ॐ श्री गणेशाय नमः, आज खजराना गणेश मंदिर की नई और अनूठी जानकारी मिली। इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर के बारे में कभी सुना नही था।

    ReplyDelete
  5. श्री गणेशाय नमः 🌼🙏🏻

    ReplyDelete
  6. बढ़िया जानकारी

    ReplyDelete
  7. जय श्री लम्बोदर जी

    ReplyDelete
  8. जय सनातन धर्म 🙏🏻 ॐ गण गणपतये नम 🙏🏻

    ReplyDelete
  9. Jai Mangalmurti Ganesh

    💯👏🏼👌🏼👍🌹🙋‍♂️🙏





    ReplyDelete