योग प्राणायाम - अनुलोम-विलोम || YOGA - Anulom-Vilom Pranayama {Breathing Exercise} ||

अनुलोम-विलोम

सदियों से हमारे देश के ऋषि मुनि अपने तन- मन को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम करते आये हैं। आधुनिक युग में भागमभाग भरी जिंदगी में भी कुछ समय निकालकर हमें प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। जिस शरीर से हम इतना काम लेते हैं, उस शरीर को दिन में कम से कम एक घंटा हमें अवश्य प्रदान करना चाहिए। आज हम चर्चा करेंगे एक बहुत ही सरल और बहुत ही उपयोगी प्राणायाम के बारे में जिसका नाम है - अनुलोम-विलोम प्राणायाम।

योग प्राणायाम -  अनुलोम-विलोम ||  YOGA - Anulom-Vilom Pranayama {Breathing Exercise} ||

यह नाड़ी शोधन प्राणायाम के मुख्य प्रकारों में से एक है। तमाम आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि इस अकेले प्राणायाम को करने से ही कई तरह के चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं। यदि इस प्राणायाम का अभ्यास रोजाना सुबह और शाम को 15 मिनट किया जाए तो, ये शरीर के सभी नाड़ियों को शुद्ध करता है, साथ ही शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है। अनुलोम-विलोम करने से दिमाग भी तरो-ताजा होता है। अब हम इस प्राणायाम के 5 ऐसे फायदे बताने जा रहे हैं जिनको जानने के बाद आप भी इसे अपनी रोज़मर्रा की दिनचर्या में इसे शामिल करना चाहेंगे। 

योग प्राणायाम -  अनुलोम-विलोम ||  YOGA - Anulom-Vilom Pranayama {Breathing Exercise} ||

अनुलोम-विलोम प्राणायाम के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं :- 

1. फेफड़ों को ताकतवर बनाता है

कोरोना काल मे लोगों ने इसका लाभ अधिक महसूस किया। अनुलोम-विलोम हमारे फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर डालता है. ये फेफड़ों में फंसी विषैली गैस को बाहर निकालने का काम करता है और उन्हें स्वस्थ बनाता है. इसके अलावा ये फेफड़ों को मजबूत बनता है और उनकी ताकत बढ़ाता है. जिन लोगों के स्मोकिंग के बाद फेफड़े कमजोर हो चुके हैं, वो लोग यदि स्मोकिंग को छोड़ने के बाद यदि इस प्राणायाम का अभ्यास करें, तो अपने फेफड़ों को फिर से काफी हद तक दुरुस्त कर सकते हैं.

2. ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर करता है

 रोजाना इस प्राणायाम का अभ्यास करने से खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा ये हमारे प्राण शरीर में मौजूद 72 हजार नाड़ियों को शुद्ध करके उनमें जान डालने का काम करता है.।शरीर की सभी कोशिकाओं को नई ऊर्जा देता है।. इसे नियमित तौर पर करने से हाई बीपी की समस्या नियंत्रित होती है और दिल भी दुरुस्त होता है.

3. सांस की समस्या में आराम देता है

 जिन लोगों को सांस संबन्धी कोई बीमारी है या सांस लेने में परेशानी होती है, या जो लोग जोर जोर से सांस लेते हैं, उन्हें हर हाल में अनुलोम-विलोम करना चाहिए. इसे करने से सांस लेने की प्रक्रिया ठीक होती है और फेफड़े ठीक से ऑक्सीजन भर पाते हैं।

4. तनाव दूर करने में मददगार 

तनाव दूर करने का यह प्रामाणिक प्राणायाम है। अनुलोम-विलोम का रोजाना अभ्यास करने से मस्तिष्क में रक्त संचार अच्छे से होता है और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। एक दिलचस्प बात यह है कि इससे मूड फ्रेश होता है। तनाव और स्ट्रेस जैसी समस्याएं नहीं होतीं। चिड़चिड़ापन, घबराहट, नींद नहीं आना, डिप्रेशन और श​रीर में कमजोरी आदि समस्याएं नियंत्रित होती हैं।

योग प्राणायाम -  अनुलोम-विलोम ||  YOGA - Anulom-Vilom Pranayama {Breathing Exercise} ||

5. सोचने समझने की शक्ति बढ़ाता है

 अनुलोम-विलोम करने से हमारे दिमाग का दायां और बायां हिस्सा संतुलित होता है. व्यक्ति को सोचने समझने में आसानी होती है और कार्यकुशलता बढ़ती है. इसके अलावा इससे ए​काग्रता भी बढ़ती है।

14 comments:

  1. निश्चित ही प्राणायाम स्वस्थ जीवन शैली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है। सभी को सुबह के समय कुछ वक्त अपने शरीर के लिए भी निकालना चाहिए।

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  2. Very beautiful yoga is the basis of healthy life Rupa ji

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  3. अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही लाभदायक है

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  4. अच्छी जानकारी

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  5. अनुलोम विलोम प्रतिदिन करना चाहिए।

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  6. Very Nice information रूपा जी 🙏🏻😊

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  7. Very nice information...

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  8. फायदे तो लगभग सब जानते हैं लेकिन करते बहुत कम लोग ही हैं।

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  9. जिम से अच्छा प्राणायाम है 😊

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  10. अनुलोम विलोम व्यायाम मानव जीवन में बहुत उपयोगी है





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  11. सेहत और स्वस्थता से बड़ा धन कोई नही है👍🏻

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