Sunday.. इतवार ..रविवार

  इतवार (Sunday)

Sunday.. इतवार ..रविवार
"किताबों की एहमियत
अपनी जगह है जनाब,
सबको वही याद रहता है,
जो वक्त और लोग सिखाते है..❤"

भिक्षुक

वह आता
दो टूक कलेजे को करता, पछताता
पथ पर आता

पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक
चल रहा लकुटिया टेक
मुट्ठी भर दाने को भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता

साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए
बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते
और दाहिना दया दृष्टि-पाने की ओर बढ़ाए
भूख से सूख ओठ जब जाते
दाता-भाग्य विधाता से क्या पाते
घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते

चाट रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए
ठहरो अहो मेरे हृदय में है अमृत, मैं सींच दूँगा
अभिमन्यु जैसे हो सकोगे तुम
तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा


– सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

Sunday.. इतवार ..रविवार
"मंजिलें भी जिद्दी हैं,
रास्ते भी जिद्दी हैं,
देखते है कल क्या होगा,
हौसले भी तो जिद्दी हैं...❤"

17 comments:

  1. स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन हो जाना बहुत ही दुःखद खबर है ! लता जी का निधन संगीत जगत व देश के लिए अपूरणीय क्षति है । ईश्वर
    दिवगन्त पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों मे स्थान प्रदान करें।
    🙏🙏 ओम शांति 🙏🙏

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  2. भारत देश के भिखारी का सूर्य कांत त्रिपाठी जी द्वारा मार्मिक तथा कारुणिक चित्रण। शुभ रविवार।

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  3. भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन भारतीय संगीत के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। उनके गाने सदियों तक सुने और याद किए जायेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और अपने श्री चरणों में स्थान दें।
    गरीबी का मार्मिक चित्रण करती निराला जी कविता

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  4. किताबों से अच्छा दोस्त कोई हो ही नहीं सकता है। Happy Sunday

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    1. यहां दोस्त की बात कहां है? यहां तो लिखा है किताबों से ज्यादा वक्त और लोग सीखा देते हैं।

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  5. Nirala ji ki badhiya kavita

    Nice pic👌👌

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  6. बहुत सुंदर 👌👌

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