लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

बचपन में छुईमुई के पौधे से लगभग सभी बच्चे बहुत खेलते हैं क्योंकि इसको छूते ही यह सिकुड़ जाती है और हाथ हटाने पर पुनः अपनी पूर्व अवस्था में आ जाती है। यही इस बूटी की खास पहचान है। लाजवंती नाम से ही जैसे कि समझ में आता है कि इस पौधे को छूने से ही वह शर्मा जाती है अर्थात कहने का मतलब ये है कि सिर्फ इंसान के छूने से ही नहीं किसी भी चीज के स्पर्श मात्र से लाजवंती का पौधा सिकूड़ जाता है। इस छुई-मुई के पौधे के पौष्टिक गुणों के आधार पर लाजवंती को आयुर्वेद में औषधी के रूप किया जाता रहा है।

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

छुईमुई क्या है?

लाजवन्ती के खास बात यह है कि बूटी को हाथ लगाते ही यह सिकुड़ जाती है और हाथ हटाने पर फिर अपनी पूर्व अवस्था में आ जाती है, यही इस बूटी की खास पहचान है। इस प्रजाति के पौधे अनेक रुपों में मिलते हैं। इसके फूल गुलाबी रंग के तथा छोटे होते हैं। इसकी जड़ स्वाद में अम्लिय तथा कठोर होती है।

जानते हैं छुईमुई के फायदे, नुकसान, उपयोग और औषधीय गुणों के बारे में

छुईमुई शीतल कफ पित्त दूर करने वाली, रक्तपित्त, अतिसार का विनाश करने वाली एक जड़ी बूटी है। लाजवंती प्रकृति से ठंडे तासीर की और कड़वी होती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में लाजवंती के कई फायदे बताए गए हैं, जिनमें कफ पित्त को दूर करना, पित्त (नाक-कान से खून बहना), दस्त, पित्त, सूजन, जलन, अल्सर, कुष्ठ रोग से आराम दिलाना आदि शामिल हैं।

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

खांसी की समस्या

छुईमुई की जड़ को गले में बांधने से खांसी मिटती है। यह एक विचित्र किंतु चमत्कारिक प्रयोग है।

बवासीर की समस्या 

  • लाजवंती के पत्तों का एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ प्रातः सायं अथवा तीन बार लेने से बवासीर में लाभ होता है।
  • छुईमुई के जड़ और पत्तों दोनों का एक चम्मच चूर्ण दूध में मिलाकर 2 बार सेवन करने से बवासीर में लाभ होता है।
लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

अतिसार

  • लाजवंती के जड़ का 3 ग्राम चूर्ण दही के साथ खिलाने से रक्त अतिसार में तुरंत लाभ होता है।
  • लाजवंती की जड़ के 10 ग्राम चूर्ण का एक गिलास जल में काढ़ा बनाकर चौथाई शेष रहने पर सुबह-शाम पीने से रक्त अतिसार में लाभ होता है।

अपच की समस्या

छुईमुई के पत्तों का 30 मिलीग्राम रस पिलाने से अपच दूर होता है।

पथरी में

छुईमुई की 10 ग्राम जड़ का क्वाथ बनाकर दोनों समय पिलाने से पथरी गल कर निकल जाती है।

मधुमेह में

मधुमेह में भी इसकी जड़ का सौ ग्राम काढ़ा देने से लाभ होता है।

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

नासूर की समस्या

  • छुईमुई की जड़ को घिसकर लेप करने से नासूर मिटता है।
  • छुईमुई के पत्तों को कुचलकर इसमें रुई का फाहा तरकर हर प्रकार के नासूर की ड्रेसिंग करने से लाभ होता है।

सूजन होने पर

छुईमुई की जड़ को घिसकर लेप करने से सूजन मिट जाती है।

घाव पर

लाजवंती के बीजों का चूर्ण घाव पर लगाने से लाभ होता है।

पेचिश में 

पेचिश होने पर उससे राहत दिलाने में लाजवंती का औषधीय गुण बहुत काम आता है। छुईमुई के जड़ का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से पेचिश में लाभ होता है।

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

गठिया की समस्या 

लाजवंती का उपयोग गठिये की आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जा सकता है। लाजवंती में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होने के कारण इसके उपयोग से गठिये में होने वाले दर्द और सूजन से आराम मिलता है. 

माहवारी से जुड़ी समस्या 

महिलाएं, लाजवंती का उपयोग मासिक धर्म संबंधी समस्या के दौरन भी कर सकती हैं क्योंकि यह हार्मोन की अनियमितता को दूर करके माहवारी से जुड़ी समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।

अस्‍थमा का इलाज 

अस्थमा या कफ संबंधी समस्याओं के इलाज में लाजवंती का उपयोग करना फायदेमंद है, क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार लाजवंती में कफ के शमन (कफ कम करने) का गुण होता है। 

लीवर को स्वस्थ रखने में 

लीवर की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है।आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि लीवर से जुड़ी समस्याओं में लाजवंती का उपयोग करना लाभदायक होता है।लाजवंती में हेप्टो प्रोटेक्टिव की क्रियाशीलता पायी जाती है जो कि हिप्टो टॉक्सिन से लीवर को सुरक्षित रखती है। 

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

विभिन्न भाषाओं में लाजवंती के नाम

Sanskrit-    लज्जालु, नमस्कारी, अंजलिकारिका, समङ्गा, शमीपत्रा, रक्तपादी, जलकारिका, खदिरका;
Hindi-        लज्जावन्ती, छुई-मुई, लजारु, लाजवती, लजउनी;
Odia-         लाजकुरी (Lajkuri);
Kannada-    नाचीकेगीडा (Nachikegida), लज्जा मुडुगुडवरी (Lajja mudugudvari);
Gujrati-      रीसामणी (Risamani), रीसमनी (Resmani);
Tamil-        थोट्टा-सिनिंगी (Thotta-siningi), तोटलवडी (Totlvaadi);
Telegu-      मुणुगु दामरगु (Munugu damragu), अट्टापट्टी (Attapatii);
Bengali-    लज्जाबती (Lajjabati), लाजक (Lajak);
Nepali-      भूहरीझार (Buharijhar);
Punjabi-    लाजवंती (Lajwanti);
Marathi-    लाजालु (Lajalu), लाजरी (Lajri);
Malayalam- टोटावडी (Tottavaadi।
English-    Humble plant, टच मी नॉट (Touch me not), शेम प्लान्ट (Shame plant)

लाजवंती के नुकसान (Side Effects of Shame plant)

छुईमुई के विषय में अभी तक कोई भी नुकसान की बात सामने नहीं आई है। 

लाजवंती (छुई मुई)/ Shameplant

14 comments:

  1. Extremely well written article. Very useful knowlwdge.

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  2. बहुत ही उपयोगी जानकारी।

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  3. Good information...iski pattiyon ke saath khelna achaa lagta hai

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  4. स्पर्श मात्र से ही छुई-मुई
    शरमाकर सिमट जाती है
    इन अद्भुत गुणों से ही तो
    यह लाजवंती कहलाती है
    औषधीय गुणों की खान
    कई रोगों में काम आती है
    नाजुक बहुत है माना कि
    कम ही ये नजर आती है
    कमतर मत आंकना इसे
    फायदा बहुत कर जाती है
    रुपा ओंस की बूंद इसके
    गुण और दोष बतलाती है
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  5. अत्यंत लाभकारी ।
    ����

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  6. अत्यंत लाभकारी ।
    💐🙏

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