ओस की बूंद (Os ki Boond)

 ओस की बूंद (Os ki Boond)

ओस की बूंद (Os ki Boond)
"ठिठुर रही है धरती
दुनिया थम सी गयी है,
सर्दी बहुत है
अल्फाज भी जम से गये हैं..💧"

ओस की बूंद


आज ओस की बूंद से मुलाकात हुई
फिर हम दोनों की लंबी बात हुई,
वो बहुत खुश थी मुझसे मिल के
मानो सावन की घटा हो छाई
बदरा को देख के..

मेरे केसुओं से होती हुई वह
कानों के पास आई,
हौले से मुस्कुराई
और फिर बोल उठी..

चंद पलों का ये साथ तेरा
खुशियां बटोरे ये दिल मेरा,
इससे पहले की मेरा वजूद मिट जाए
मुझे इस साथ को...इस पल को...
जी लेने दो खुलकर..

माना कि मैं कुछ पल ही तेरे साथ हूं,
ये पल बहुत खास है..
क्योंकि तू मेरे साथ है,
मेरे साथ आ और
इस खूबसूरत पल को तू भी जी ले..

इसके बाद जहां में मैं न होऊंगी,
तेरे साथ सिर्फ मेरी यादें होंगी..
कैद कर लो इस साथ को,
अपनी कलम में, अपनी लेखनी में,
और अमर कर दो
तेरे मेरे साथ को
इस मुलाकात को..

कल फिर सुबह होगी,
ओस तो फिर गिरेगी..
लेकिन तुम्हारा साथ,
बस आज है, अभी है
सूर्य की पहली किरण के साथ
मेरा वजूद खत्म हो जाएगा..💧

                              –  रूपा 
       
ओस की बूंद (Os ki Boond)
 "चादर ओढ़े ओस की,
             प्रकृति करे विश्राम..
              तन-मन भी पुलकित हुआ,
              दृश्य देख अभिराम..💧"

32 comments:

  1. क्या बात है रुपा तुम तो छा गई..ओस की बूंद की ही तरह.. चहूं ओर..
    बहुत अच्छी कविता 👏👏👏👌👌👌👌

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  2. बहुत ही सुंदर कविता, जीवन को सकारात्मक रूप में जी भर जी लेने का संदेश।
    आप सबको शुभ रविवार

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  3. Happy Sunday dear🤗🤗
    Beautiful poem with Lajawab pic😘😘😘❤️❤️❤️

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  4. जी, मैंने ही लिखने का प्रयास किया है।

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  5. जितनी खूबसूरत कविता है, उतना ही खूबसूरत चित्र है मन मोहक

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  6. ओस की एक बूंद पर लिखी गई कविता अनूठी है। शुभ रविवार।

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  7. जानदार शानदार ओस की बूंद।

    Beautiful pic 😍😍🌹🌹

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  8. जिस शब्द के आगे हमलोग कुछ सोंच नहीं पाते, उस शब्द पर तुम गद्य पद्य सारा लिख डाली।

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  9. सर्द रातों में सो कर भोर होते
    ही निकलता जो घर से बाहर
    धूप की चाह में बैठ जाता हूं
    थोड़ी देर अपनी आंखें मूंदकर
    खिल जाता है मेरा चेहरा जब
    नजर पड़ती ओस की बूंद पर
    चमक उठती अधखुली आंखें
    जब सूरज की पहली किरण
    ओस की बूंदों पर पड़ती है
    जी मचल जाता है मेरा और
    धड़कनें तेज गति से बढ़ती है
    मन करता ओस कि बूंद को
    उंगली पर रखकर चख लूं
    काश वो मोती बन जाए तो
    अपनी जेब में मैं उन्हें रख लूं
    जितना सुकून मिलता सर्दी में
    अलाव में अपने हाथ सेककर
    उतना सुकून मिलता दिल को
    उसकी नन्हीं बुंदों को देखकर
    🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏

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  10. ❤सोच खूबसूरत-नाम खूबसूरत❤
    👸इनको तो कहते हैं सब रूपा👸
    💦रुपा "ओस की एक बूंद" का💦
    📝हुनर अब तक कहा था छुपा📝
    💧ओस की बूंद की तरह रूपा💧
    💐हरे-भरे ब्लॉग पर छा जाती है💐
    🌄फिर दिन-भर की दौड़-धूप में🌄
    👣रोज ओस की तरह खो जाती👣
    🤔कितने जाने-अनजाने रहस्य🤔
    👁अपने इस ब्लॉग पर बताती है👁
    🖋क्या खूब है इनकी ये लेखनी🖋
    🥰सबके दिलों पर ये छा जाती है🥰
    💦ओस की बूंद की तरह ही तो💦
    😍चमकती है चेहरे की मुस्कान😍
    🤗क्या गजब-अपने हुनर से रूपा🤗
    🐥हर ब्लॉग में डाल देती है जान🐥
    💦ओस की तरह धूप-ताप सहना💦
    🖋इस तरह हमेशा लिखते रहना🖋
    💐हम तारीफ के फूल बिछाएंगे💐
    👑आप समझना अनमोल गहना👑
    🌄🙏नरेश"राजन"हिन्दुस्तानी🙏🌄

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    1. नरेश जी,
      मेरी पोस्ट को कविताओं में लिखना,
      आपकी लेखनी का अंदाज
      बड़ा निराला है..
      इतनी अच्छी तारीफ
      की एक कवि ने
      ओस की बूंद और
      निखर गई..
      आपकी हौसला अफजाई
      के लिए धन्यवाद💧

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  11. प्रकृति की गोद मे बैठकर,सर्द हवाओं के आंचल तले लिखी गयी यह कविता वस्तुतः आपके अंदर के भावों की मनोहर अभिव्यक्ति है। सच कहूँ तो आज की स्वरचित कविता के कारण यह पोस्ट अनमोल हो गयी है।
    लिखते रहिए।

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  12. Mem,extremely well written your article is affects on our hearts. Inspires us,motivates us, attracts us towards your diction of writing. Your lovely RDS in writing skills. We all are your fan.

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  13. Bahut khub..🌹🌹🌹👌🏻👌🏻👌🏻

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  14. बहुत सुंदर पंक्तियां.. ओस के बूंद से सुंदर वार्तालाप..और तस्वीर भी ऐसी मानो अभी बोल पड़ेगी..❤️

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