दीपावली का त्योहार और सूरन(Sooran)/जिमीकंद (Jimikand) की सब्जी

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी

दीपावली के त्योहार की खुशियों की आहटें दिखाई देने लगी हैं। बाजार सज गए हैं। हर तरफ उल्लास का वातावरण है। जाड़े की सब्जियां भी आ गयी हैं। इन्ही दिनों एक सब्जी और बाजारों में आ जाती है जिसे सूरन (Yam) कहा जाता है। 

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी

इन दिनों में सूरन की सब्जी बनती है। सूरन को जिमीकन्द (कहीं कहीं ओल) और कांद भी बोलते हैं। आजकल तो मार्केट में हाईब्रीड सूरन आ गया है। कभी-२ देशी वाला सूरन भी मिल जाता है। इस त्योहारी सीजन में प्रायः सारे मार्केट में हर सब्जी वाला (खास कर के उत्तर भारत में) इसे जरूर रखता है और मजे की बात है कि इसकी लाइफ भी बहुत होती है । हमारे बचपन मे भी इसी सीजन में यह सब्ज़ी बाजार में दिखाई पड़ती थी और पिताश्री अनिवार्य रूप से इसे कम से कम एक दिन (दीपावली पर) घर लाते थे।

बचपन में हम लोगों को ये सब्जी फूटी आँख भी नही सुहाती थी, लेकिन चूँकि यही सब्जी बनती थी तो झख मारकर इसे खाना ही पड़ता था, तब हम सभी यही सोचते थे कि आज त्यौहार के दिन भी बताओ ये खुजली वाली सब्जी खानी पड़ रही है। तब माँ बोलती थी जो आज के दिन सूरन नहीं खायेगा अगले जन्म में छछुंदर का जन्म लेगा।

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी 

यही सोच कर और अपने संस्कारों के वशीभूत होकर दीपावली पर इस सूरन की सब्ज़ी को अनवरत खाये जा रहे है कि कहीं न खाने पर छछुंदर न बन जायें। 

उस वक्त एक बात और सभी घरों में अनिवार्य रूप से घटित होती थी वह यह कि इसे खाने के बाद हर कोई यह जरूर पूछता था कि तुम्हारे गले में तो नहीं लग रहा है। 

आज जब हम लोग बड़े हो गए तब सूरन की उपयोगिता समझ में आई। वास्तव में सूरन एक बेहद गुणकारी सब्ज़ी है। बाजार में बिकने वाला बदरंग सा सूरन वस्तुतः गुणों की खान है। 

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी

सब्जियो में सूरन ही एक ऐसी सब्जी है, जिसमें फास्फोरस अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है और अब तो मेडिकल साइंस ने भी मान लिया है कि इस एक दिन यदि हम देशी सूरन की सब्जी खा लें तो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में महीनों फास्फोरस की  कमी नहीं होगी।

यह हमें बवासीर से लेकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से बचाए रखता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन बी1 और फोलिक एसिड होता है। साथ ही इसमें पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी

मुझे नही पता कि ये परंपरा कब से चल रही है लेकिन किंचित  सोचिये तो सही कि हमारे सनातन की लोक मान्यताओं में भी कितनी वैज्ञानिकता छुपी हुई होती थी। 

धन्य थे हमारे पूर्वज जिन्होंने विज्ञान को हमारी परम्पराओं, रीतियों और संस्कारों में पिरो दिया।

दीपावली का त्योहार और सूरन की सब्जी

19 comments:

  1. बहुत ज्ञानवर्धक पोस्ट। सूरन की सब्ज़ी,दीपावली के अवसर पर बचपन से ही हम लोग नाक भौं सिकोड़कर खाते आये हैं।
    आज के बाद इसके गुणों की वजह से बहुत उत्साह से खाएंगे।

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  2. पूर्वांचल मे यह बहुत ही प्रसिद्ध है.।

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  4. सुरन खाने से गले मै खुजली होती है इसलिये नही खाते है

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  5. Iski sabji ke bina diwali ka asli maja kaha 😋😋

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  6. देसी घी में तला हुआ सुरन 😋 yummy

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  7. जिमीकन्द फास्फोरस से युक्त सब्जी है।यह गले में लगती है,अतः इसकी सब्जी बनाते समय खटाई का प्रयोग होता है।यह स्वादिष्ट सब्जी दीपावली के दिन बनाई एवं खाई जाती है।

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  8. Jimikand ko sitafal bhi kahte hain,

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  9. Yummy... अरे हमें तो बहुत स्वादिष्ट लगता है। और इतने फायदे जानने के बाद तो और स्वादिष्ट लगेगा।

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  10. Mem sunder jankari ap uplabdh karate hain. Dhanyavad.

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  11. सूरन की सब्जी दिवाली के दिन बहुत अच्छी लगती है सरसों का मसाला और खटाई डालकर बनाने से गले में खुजली नहीं होती.. सच है हमारे पुराने रीति रिवाज के वैज्ञानिक आधार भी है
    ज्ञानवर्धक लेख 👌👌👍😄

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  12. अच्छी जानकारी

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  13. Tasty tasty ... ओल की सब्जी मुझे बहुत पसंद है। अगर ओल गले में लगने वाला है तो उसको केले के पत्ते पर रख कर उबालने से गले में खुजली नहीं होती।

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  14. Bahut achi sabji banti hai suran ki

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  15. अविश्वसनीय रूप से मूल्यवान। शुक्रिया।

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  16. हमारे पूर्वजों ने जो भी परंपरा बनाई थी उनका कुछ न कुछ वैज्ञानिक आधार जरूर है। बचपन में तो नहीं लेकिन अब सूरन की सब्जी अच्छी लगती है और बाजार में भी अब गले में खुजली वाली सुरान कम ही मिलती है।
    ज्ञानवर्धक लेख

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