Sunday.. इतवार ..रविवार

 इतवार (Sunday)

Sunday.. इतवार
🍂🍂"उम्मीद और विश्वास का छोटा सा बीज, 
खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है "🍂🍂

"अश्रु नीर"

प्रिय इन नयनों का अश्रु नीर !
दुःख से आविल सुख से पंकिल 
बुद बुद से स्वपनों से फेनिल,
बहता है युग युग से अधीर 
जीवन पथ का दुर्गमतम तल, 
अपनी गति से कर सजल सरल 
शीतल करता युग तृषित तीर !

इसमें उपजा या नीरज सित,
कोमल कोमल लज्जित मीलित, 
सौरव से लेकर मधुर पीर !

इसमें ना पंक का चिन्ह शेष, 
इसमें ना ठहरता सलिल लेश, 
इसको न जगाती मधुप भीर !


तेरे करुणा कण से विलसित, 
हो तेरी चितवन से विकसित, 
छू तेरी श्वासों का समीर !
                                            महादेवी वर्मा 
Sunday.. इतवार ..रविवार
🍁🍁"ऐसे काम करो जिससे लोगों को लगे 
कि आपको जीतने की आदत है"🍁🍁

27 comments:

  1. आप स्वयं का लिखा करिये प्लीज़

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  2. दूसरों को पढ़ने के लिये नेट है ही

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  3. Wish u a very happy Sunday 🌹🌹

    Beautiful pic 😍😍😍😍 with nice poem👏👏👏

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  4. Happy Sunday🤗🤗 ...Lovely smile💖💖 n nice poem

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  5. शुभ एवम मंगलमय रविवार

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  6. Very beautiful pic😘😘❤️

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  7. Very beautiful pic😘😘❤️

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  8. शुभ रविवार।
    महीयसी महादेवी जी की पंक्तियां बेजोड़ हैं।

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  9. प्रकृति के माध्यम से वर्णन करती कविता।शुभ रविवार ।


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  10. Wow... beautiful 🌹🌹👌

    Mahadevi Verma ki achi kavita 👌👌

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