मनुष्य कौन गधा कौन - Manushya kaun gadha kaun

मनुष्य कौन गधा कौन 

एक दिन बादशाह अकबर सारा कामकाज निपटाने के बाद मनोरंजन की मुद्रा में बैठे हुए थे। लेकिन बीरबल ऐसे वातावरण में भी शांत बैठे थे। उस दिन वे हँसी-मजाक में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे थे।

मनुष्य कौन गधा कौन - Manushya kaun gadha kaun

  बीरबल के बिना बादशाह की महफिल पूरी कैसे होती? इसलिए उन्हें उकसाने की दृष्टि से बादशाह ने उन्हें छेड़ा, “बीरबल, जरा यह बताओ कि तुममें और गधे में कितना अंतर है?”  

ईर्ष्यालु दरवारियों ने बादशाह का सवाल सुनकर ठहाके लगाने शुरू कर दिए। उधर बीरबल कहाँ चुप रहने वाले थे। उन्होंने चुपचाप अपना सिर नीचे झुका लिया जैसे भूमि की ओर देखते हुए कुछ गणना कर रहे हों।  

उनकी मुद्रा बड़ी गम्भीर थी और वे अपने हाथों पर कुछ गिनती कर रहे थे। “क्या गिनती कर रहे हो, बीरबल?” अकबर ने थोड़ी हँसी के साथ पूछा।

“मैं अपने और गधे के बीच की दूरी पता करने की कोशिश रहा था मैंने गिनती कर ली है,” बीरबल ने अपनी दृष्टि अकबर की ओर उठाते हुए कहा, “यह कोई सोलह फीट जान पड़ती है।” इस उत्तर पर अकबर अत्यंत लज्जित हो गए और कुछ देर तक दृष्टि ऊपर न कर सके।

  दरअसल बीरबल ने अकबर के सिंहासन के सामने खड़े होकर उनके और अपने बीच की दूरी बताई थी। इस प्रकार बीरबल ने बादशाह द्वारा किए गए मजाक को उन्हीं पर पलट दिया। 

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Manushya kaun gadha kaun

One day Emperor Akbar was sitting in the posture of entertainment after completing all the work. But Birbal was sitting still in such an environment. That day he was not taking any interest in laughter.

मनुष्य कौन गधा कौन - Manushya kaun gadha kaun

  How would the emperor's gathering be complete without Birbal? So in order to provoke them, the king teased them, "Birbal, tell me what is the difference between you and a donkey?"

The jealous courtiers started laughing after hearing the king's question. Where was Birbal going to remain silent? He quietly lowered his head as if doing some calculations while looking at the ground.

His posture was very serious and he was doing some counting on his hands. "What are you counting, Birbal?" Akbar asked with a slight laugh.

“I was trying to find the distance between myself and the donkey, I have counted it,” said Birbal, lifting his gaze towards Akbar, “it looks like some sixteen feet.” Akbar became very ashamed on this answer and could not look up for a while.

  Actually Birbal stood in front of Akbar's throne and told the distance between him and himself. Thus Birbal turned the joke made by the emperor on him.

15 comments:

  1. अति सुंदर🌹🙏🌹🙏

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  2. अच्छी कहानी

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  3. कहानी नई है। मैंने अकबर बीरबल के बहुत किस्से पढ़े हैं लेकिन आपके ब्लॉग के किस्से ज्यादातर नए ही होते हैं।

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  4. बीरबल की चतुराई एवं हाजिरजवाबी किसी से छिपी नहीं है।अच्छी कहानी।

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  5. इसे कहते हैं पासा पललटना

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  6. Nahle pe dahla...👏👏👏

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