5 Os ki Boond (ओस की बूंद) Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)

5 Os ki Boond (ओस की बूंद) Quotes / ओस की बूंद शायरी (Shayari)


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सुबह से तेरी य़ादों की ओस कुछ ज़मीं सी है, 
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमीं सी है..
तस्सवुर में भोर की आँखों में कुछ नमी सी है, 
फिजायें करे तस्दीक की आपकी कमी सी है..

Os ki Boond (ओस की बूंद)

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सुबह की ओस जैसे हो तुम,
बस दिखते हो मग़र छू नहीँ सकते..
करीब हो के भी करीब रह नही सकते,
जो भी हो दिल के पास हो तुम
क्योंकि बहुत खास हो तुम..

Os ki Boond (ओस की बूंद)

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 हमने सपनों को दूर होते देखा है ,
जो मिला भी नहीं उसे खोते देखा है..
लोग कहते हैं कि रात को ओस गिरती है,
मगर हमने रात में फूलों को रोते देखा है..

Os ki Boond (ओस की बूंद)

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आज भीगी हैं पलके किसी की याद में 
आकाश भी सिमट गया है अपने आप में..
ओस की बूँद ऐसी गिरी है जमीन पर, 
मानो चाँद भी रोया है उनकी याद में..

Os ki Boond (ओस की बूंद)

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बार बार आईना पोंछा मगर हर तस्वीर धुंधली थी,
न जाने आईने पर ओस थी या हमारी आँखें गीली थीं..
Os ki Boond (ओस की बूंद)

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