शक्र की उड़ान (Shakra Ki Udan)

 शक्र की उड़ान

एक बार देवों और दानवों में भयंकर युद्ध हुआ। उस युद्ध में देव पराजित हुए और भाग खड़े हुए। देवों के राजा शक्र उस समय दानवो को पूरी टक्कर कर दे रहे थे, परंतु उनके सारथी ने जब देवों की सेना को भागते देखा तो वह देवराज के रथ को भगाते हुए आकाश की ओर ले उड़े। दानवों ने उस रथ का तेजी से पीछा किया। 

शक्र की उड़ान  Shakra flight

तभी शक्र की दृष्टि ऊंचे - ऊंचे पेड़ों पर स्थित चीलों के घोंसलों पर पड़ी। यदि उनका रथ उसी दिशा में उसी गति से जाता तो चील के अंडे और बच्चे नष्ट हो जाते। अतः उन्होंने अपने सारथी को कहा कि वह रथ को वापस दानवों की और पीछे लौटा ले।

रथ को पीछे लौटते और शक्र के हाथों में खड्ग देख दानवों ने समझा कि शक्र ने ऐसा किसी युद्ध नीति के तहत किया था। अतः वे सारे दानव जो उनका पीछा कर रहे थे, डर कर भाग खड़े हुए। दानवो के भागने के बाद देवसेना पुनः एकत्रित हुई और दानवो पर आक्रमण कर उन्हें परास्त किया।

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Shakra flight

 Once there was a fierce war between the gods and the demons. In that war, Dev was defeated and escaped. At that time, Shakra, the king of the gods, was giving a full fight to Danavo, but when his charioteer saw the army of the gods running away, he flew away the chariot of Devraj towards the sky. The demons chased that chariot fast.

शक्र की उड़ान  Shakra flight

 At the same time, the sight of Shakra fell on the nests of the eagles situated on the tall trees. If their chariot had moved in the same direction in the same direction, the eagle eggs and children would have been destroyed. So he asked his charioteer to take the chariot back to the demons.

 After returning the chariot and seeing the pillar in Shakra's hands, the demons understood that Shakra had done so under a war policy. So all the demons who were chasing them, ran away in fear. After Danvo's escape, Devasena regrouped and attacked Danwo and defeated him.

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