जागो भारतीयों जागो

 *🚩🙏 राम 🙏 राम 🙏🚩*

जागो भारतीयों जागो

*"अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले*

इसकी वास्तविक *सत्यता* जरुर जान लें .!!

पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो, पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल

(अप्रैल फुल का अर्थ है - हिन्दुओं का मूर्खता दिवस).??

ये नाम अंगजो की देन है …

हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बड़े दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है यह अप्रैल फूल ...!!

इसका मतलब क्या है .??

दरअसल जब अंग्रेजो द्वारा हमें 1जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1अप्रैल से अपना नया साल बनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू होते है लेकिन उस समय जब भारत गुलाम था तो अंग्रेजो ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस अप्रैल फूल का नाम दे दिया ताकि हमारी भारतीय सभ्यता मूर्खता लगे ....

जागो भारतीयों जागो

अब आप ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप .?

याद रखे अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और त्यौहार--

1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है (शुक्ल प्रतिपदा)

2. हिन्दुओं के रीति-रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर के अनुसार बनाये जाते है। आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।

अंग्रेज हिन्दुओं के विरुद्ध थे इसलिए हिन्दू के त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप हिन्दू भी बहुत शान से वही कह रहे हो .!!

गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के .!!

अप्रैल फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था ..!!

जागो भारतीयों जागो

1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी कर दिया जिसमें 1जनवरी को नया साल का प्रथम दिन बनाया गया। जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1 अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे 1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख दिवस बन गया ..!!

आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे है

जागो भारतीयों जागो

🤔🤔🤔☹️☹️

21 comments:

  1. आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं🌹🌹🌹🌹

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  2. आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐

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  3. Bilkul sahi blog.. sabse umda, humari generation apne sanskriti aur dharm ka palan na krke videshiyon ke avguna apna rhi hai.. murkh toh wo svyam hai jo is diwas ko mnata hai

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  4. नव वर्ष की आप सबको बहुत बहुत बधाई और मंगलकामना, वो दिन बहुत दूर नहीं जब सबका हैप्पी न्यू इयर आज ही होगा। हमें अपने अंदर भी झांकना चाहिए सिर्फ विदेशियों को दोष देने से नहीं होगा। आजादी के बाद कौन से विदेशी थे यहां लेकिन हम आज भी मानसिक रूप से गुलाम ही हैं

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  5. विचारोत्तेजक लेख।

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  6. भारतीय संस्कृति को पश्चिम की साज़िश ने बहुत नुकसान पहुंचाया है

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