गुरु गोविंद सिंह जी जयंती 2021
गुरु गोविंद सिंह जी, सिखों के दसवें गुरु
आज गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती है। गुरु गोविंद सिंह का जन्म पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को पटना साहिब में हुआ था। अतः इस वर्ष 20 जनवरी हो गुरु गोविंद सिंह का जन्म दिवस मनाया जा रहा है। सिख समुदाय के लोग इनका जन्मदिन प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं । गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरु थे । इनका जीवन धर्म की प्रतिष्ठा और धर्म के मार्ग पर चलने वालों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए समर्पित रहा। यह आरंभ से ही इस संकल्प की प्राप्ति के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध थे ।
संत होने के साथ साथ एक महान स्वतंत्रता सेनानी
गुरु गोविंद सिंह जी, संत होने के साथ साथ एक सिपाही भी थे। वह परमात्मा के सच्चे दास थे। इनका मानना था कि जाति धर्म , वर्ण, आदि से परे परमात्मा का स्वरूप निराकार है और वही सृजन- कर्ता, पालक और दाता है। गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म की मर्यादा की रक्षा के लिए तलवार उठाने से भी परहेज नहीं किया। मात्र 9 वर्ष की आयु में ये गुरु गद्दी पर बैठे। इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य सिखों को संगठित करना और उन्हें परमात्मा से जोड़ने का था।
विद्वान और श्रेष्ठ कवि
गुरु गोविंद सिंह जी बहुत विद्वान और श्रेष्ठ कवि थे। भारतवर्ष के हर प्रांत से कवियों और विद्यत- जनों को अपने दरबार में बुलाते थे। उन्होंने उत्तम साहित्य की रचना के लिए भी सभी कवियों को प्रेरित किया। संस्कृत भाषा के प्रति उनका बेहद लगाव था, और इस भाषा को सीखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए उन्होंने सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल को बनारस भेजा था। गुरु गोविंद सिंह जी ने हमारे प्राचीन धरोहर, कई ग्रंथों के अनुवाद कराए।
"खालसा पंथ" की स्थापना
गुरु गोविंद सिंह जी ने आनंदपुर साहब नगर के चारों ओर किलो का निर्माण कराया। औरंगजेब के अत्याचारों का उन्होंने माकूल जवाब दिया। संत 1699 की बैसाखी के दिन इन्होंने "खालसा पंथ" की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह जी जीवन पर्यंत जाति आधारित भेदभाव के विरोधी रहे। मुगलों ने गुरु गोविंद सिंह जी के खिलाफ आनंदपुर साहब पर लगातार चार वर्षों तक आक्रमण किया, जिसमें उनके चारों पुत्र शहीद हो गए।
गुरु गोविंद सिंह जी ने यमुना नदी को शांत किया
गुरु गोविंद सिंह जी ने श्री पौंटा साहिब गुरुद्वारे के समीप यमुना के किनारे दसम ग्रंथ की रचना की थी। कहा जाता है कि उस समय यमुना नदी में अत्यधिक शोर होता था। तब गुरु गोविंद सिंह जी ने यमुना नदी से धीरे बहने का अनुरोध किया था। कहां जाता है कि तब से श्री पौंटा साहिब गुरुद्वारे के समीप से बहने वाली यमुना नदी बिल्कुल शांत हो गई और आज भी शांति से ही बहती है। पौंटा साहिब गुरुद्वारा सिखों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इसका खास कारण यह है कि गुरु गोविंद सिंह जी यहां 4 साल व्यतीत किए थे। इसके अलावा इस गुरुद्वारे की स्थापना करके उन्होंने दशम ग्रंथ की स्थापना की थी। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
इनके प्रमुख विचारों में भविष्य की चिंता न करना, वर्तमान में जीना, अपने हृदय से स्वार्थ का भाव मिटाना, सदैव अच्छे कर्म करना, सभी इंसानों से प्रेम करना और अपने अंदर से अहंकार मिटा देना आदि प्रमुख हैं।
हमें उनके विचारों को आत्मसात करते हुए जीवन पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
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Guru govind singh jayanti 2021
Guru Govind Singh ji, the tenth Guru of the Sikhs
Today is the birth anniversary of Guru Govind Singh ji. Guru Govind Singh was born on Patna Saptami of Shukla Paksha of Paush month in Patna Sahib. Therefore, on January 20 this year, the birthday of Guru Gobind Singh is being celebrated. People of Sikh community celebrate his birthday as Prakash Parv. Guru Gobind Singh Ji was the tenth Guru of the Sikhs. His life was dedicated to the prestige of religion and to pave the way for those who follow the path of religion. He was fully committed to achieving this resolve from the beginning.
Being a saint and a great freedom fighter
Guru Govind Singh ji, being a saint, was also a soldier. He was the true servant of God. He believed that beyond caste, religion, varna, etc., the nature of God is formless and he is the creator - the doer, the foster and the giver. Guru Gobind Singh ji did not refrain from even raising a sword to protect the dignity of religion. At the age of just 9, this Guru sat on the throne. The main purpose of his life was to organize the Sikhs and to connect them with the divine.
Scholar and poet
Guru Govind Singh ji was a very learned and excellent poet. Poets and students from every province of India used to call in his court. He also inspired all poets to create excellent literature. He had a great affection for the Sanskrit language, and had sent a delegation of Sikhs to Benares to learn and acquire this language. Guru Gobind Singh Ji got our ancient heritage, many texts translated.
Establishment of "Khalsa Panth"
Guru Govind Singh Ji built kilos around Anandpur Sahib Nagar. He aptly responded to Aurangzeb's atrocities. On the day of Baisakhi of saint 1699, he established the "Khalsa Panth". Guru Gobind Singh was opposed to caste-based discrimination throughout his life. The Mughals attacked Anandpur Saheb for four consecutive years against Guru Govind Singh Ji, in which all four of his sons were martyred.
Guru Govind Singh ji calmed the river Yamuna
Guru Govind Singh Ji composed the Dasam Granth near the Yamuna near Sri Paonta Sahib Gurdwara. It is said that at that time there was excessive noise in the river Yamuna. Then Guru Govind Singh Ji requested the Yamuna river to flow slowly. Where is it that since then the Yamuna river flowing near Sri Paonta Sahib Gurdwara has become absolutely calm and still flows peacefully today. Paonta Sahib Gurudwara is a very important place for Sikhs. The special reason for this is that Guru Govind Singh ji spent 4 years here. Apart from this, he established the Dasam Granth by establishing this gurudwara. It is believed that every wish sought here is fulfilled.
His main ideas include not worrying about the future, living in the present, erasing the sense of selfishness from his heart, always doing good deeds, loving all human beings and erasing his ego.
We should move forward on the life path by assimilating their thoughts.
Guru Gobind Singh Jayanti 2021
भै काहू को देत नहि,
ReplyDeleteनहि भय मानत आन
गुरु के बिना किसी भी व्यक्ति को
ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो सकती है
आप सभी को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की
बहुत-बहुत शुभकामनाएं एवं बधाइयां
May Guru Gobind Singh Ji be your guiding star through your life and may he shower blessings on you this Gurpurab.
ReplyDeleteLet us all celebrate Janam Divas, Prakash Utsav Divas of Shri Guru Gobind Singh Ji
ReplyDeleteHappy Gurpurab..!!
very informative
ReplyDeleteजय श्री गुरु गोविंद जी
ReplyDeleteHappy sri guru govind jayanti👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteHappy Sri guru gobind Singh jayanti
ReplyDeleteHappy Gurpurab
ReplyDeleteखालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह जी की
ReplyDelete354वीं जयंती के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं!
Guru Gobind Singh - a warrior, poet and philosopher....Guruparav ki lakh lakh badhaiyan 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteHappy Gurpurb Dhan Dhan Guru Gobind Singh ji
ReplyDeleteसिख धर्म के 10वें गुरु, खालसा पंथ के संस्थापक, श्रद्धेय श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन, धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा हेतु आपका अविस्मरणीय संघर्ष सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए अनुकरणीय है।
ReplyDelete🙏
ReplyDeleteगुरु गोविंद सिंह जी को शत शत नमन🙏🙏
ReplyDeleteGuruparb di lakh lakh badaiyaan 🙏🙏
ReplyDeleteGuru ji ko shat shat naman 🙏🙏🙏🙏
Guru Gobind Singh Jayanti ki lakh lakh badhaiyaan....
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteHappy gurpurab
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