तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)

तोते भाइयों की कथा 

तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)

बहुत समय पहले एक बार किसी ने दो तोते भाइयों को पकड़कर एक राजा को भेंट में दिया। तोतों के गुण और वर्ण से प्रसन्न होकर राजा ने उन्हें सोने के पिंजरे में रखा, उनका यथोचित सत्कार करवाया और प्रतिदिन शहद और भुने मक्के का भोजन करवाता रहा। उन दोनों तोतो में बड़े का नाम राधा और छोटे का नाम पोट्ठपाद था। 

एक दिन एक वनवासी राजा को एक काले, भयानक बड़े - बड़े हाथों वाला एक लंगूर भेंट में दे गया। गिबन प्रजाति का वह लंगूर सामान्यतः एक दुर्लभ प्राणी था। इसीलिए लोग उस विचित्र प्राणी को देखने को टूट पढ़ते। लंगूर के आगमन से तोतों के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया और उनके सत्कार कामें भी कमी होने लगी। 
तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)
लोगों के बदलते रुख से खिन्न हो पोट्ठपाद खुद को अपमानित महसूस करने लगा और रात में उसने अपने मन की पीड़ा राधा को कह सुनाई। राधा ने अपने छोटे भाई को ढांढस बंधाते हुए समझाया," भाई ! चिंतित ना हो ! गुणों की सर्वत्र पूजा होती है। शीघ्र ही इस लंगूर के गुण दुनिया वालों के सामने प्रकट होंगे और तब लोग उससे विमुख हो जाएंगे।"

कुछ दिनों के बाद ऐसा ही हुआ। जब नन्हे राजकुमार उस लंगूर से खेलना चाहते थे, जैसे ही राजकुमार लंगूर के पास पहुँचे लंगूर ने अपना भयानक मुख फाड़ , दाते किटकिटा कर इतनी जोर से डराया कि वह चीख - चीख कर रोने लगे।
तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)

 बच्चों के भय और रुदन की सूचना जब राजा के कानों पर पड़ी तो उसने तत्काल ही लंगूर को जंगल में छुड़वा दिया। उस दिन के बाद से राधा और पोट्ठपाद की आवभगत फिर से पूर्ववत होती रही। 

Moral/शिक्षा :-
 अपने अंदर सदैव अच्छे गुण बनाये रखें, अवगुण को कभी हावी ना होने दें। समय आएगा जब लोग आपके अच्छे गुण को समझेंगे। 

English Translate

Tale of parrot brothers

A long time ago, after holding one of the two parrot brothers, he gave a gift to a king. Pleased with the qualities and color of parrots, the king placed them in a cage of gold, got them properly treated and kept eating honey and roasted maize every day. In both of those totes, the elder's name was Radha and the younger's name was Pottapad.
तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)

One day a forest dweller was presented to the king by a black, a langur with terrible big hands. That langur of the Gibbon species was a rare creature in general. That's why people read to see that strange creature. With the arrival of the langur, the attraction of the people towards parrots decreased and their hospitality works also started declining.

Pottapada, feeling disenchanted with the changing attitude of the people, started feeling humiliated and at night he told his heartache to Radha. Radha tied her younger brother with a blindfold and explained, "Brother! Do not be worried! The virtues are worshiped everywhere. Soon the qualities of this langur will be revealed to the world and then the people will be alienated from it."

This happened after a few days. When the little prince wanted to play with the langur, as soon as the prince approached the langur, the langur tore his terrible face, smashing his teeth so hard that he started crying out loudly. When the fear and blood of the children came to the ears of the king, he immediately rescued the langur in the forest.

तोते भाइयों की कथा (Story of Two Parrots)

From that day onwards Radha and Pottapad's hospitality continued to reverberate.

Moral / Education: - Always keep good qualities inside you, never let the demerit dominate you. The time will come when people will understand your good qualities.

21 comments:

  1. Swabhav ko kbhi nhi badla ja skta.. prerna dayak 👏👏

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  2. Bahut Rochak aur prernadayak kahani..

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  3. वाह बहुत ही मनोरंजक और प्रेरणा से भरपूर कथा।

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  4. एक और प्रेरणादायक कहानी

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  5. Inspirational 👏👏

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