अद्भुत संसार - 5 - Wettest place in the world

                           दुनिया की सबसे नम जगह

भारत ही नहीं बल्कि विश्व में सर्वाधिक वर्षा मासिनराम मेघालय में होता है। मासिनराम भारत के पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के पूर्वी खासी पर्वतीय जिले में बसा एक गांव है। शिलांग से 65 किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव 11872 मिलीमीटर  वार्षिक वर्षा के साथ पृथ्वी पर स्थित सबसे नम स्थान है ।दुनिया में सबसे नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में मासिनराम (मेघालय) का नाम दर्ज है। यहां बंगाल की खाड़ी के वजह से काफी ज्यादा नमी है और 1491 मीटर ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है। इस इलाके में काफी ज्यादा हरियाली है , मुग्ध करने वाले जलप्रपात हैं और उस से गिरने वाले झरनों के नीचे आकर्षक पहाड़ी गुफाएं हैं।

यह आश्चर्यजनक स्थान धुंध भरी वादियों के बीच  उफनती नदियों और घने बादलों से घिरा है। इसकी नैसर्गिक सुंदरता और बारहमासी धुंध इसे शहर के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है। इससे 10 मील पूर्व में स्थित है चेरापूंजी।

 स्थानीय लोग चेरापूंजी को सोहरा नाम से जानते हैं यह दुनिया की दूसरी सबसे नमी वाली जगह है। चेरापूंजी और मासिनराम यह दोनों जगह मेघालय में है ; मेघालय का अर्थ है "बादलों का निवास"और यह जगह अपने नाम को पूरी तरह से चरितार्थ करता है, यह पूरे वर्ष बादलों से घिरा रहता हैं।

यहां लोग बेंत से बने छाते जिन्हें कनूप कहते हैं, साथ में रखते हैं ताकि शरीर हमेशा ढंका रहे और वो बारिश के दौरान भी लगातार काम करते रहें।

लगातार बारिश होने की वजह से यहां खेती नहीं हो पाती है, ऐसे में लोग ड्रायर से सूखा करके त्रिपाल में लपेटकर के सामान को बेचते हैं।

इसके अलावा इलाके में बने पुलों को सुरक्षित रखने में काफी मुश्किल आती है। परंपरागत सामान बहुत जल्दी सड़ जाते हैं। ऐसे में लोग पेड़ों की जड़ों से पुल बनाते हैं। हमारे देश में रबड़ के पौधे काफी मजबूत होते हैं, इनकी जड़ें काफी लचीली होती हैं इसी से पुल बनाकर के लोग नदी नालों को पार करते हैं।

पेड़ की जड़ों और लचीले तनों के बीच बांस रख कर के भी पुल बनाए जाते हैं। इस पुल को बनाने में लगभग 10 साल का समय लग जाता है , बाद में बांस  गल जाने पर भी पुल कायम रहता है। ऐसे पुल सैकड़ों साल तक चलते हैं। इस इलाके में ऐसा एक पुल तो 500 साल पुराना बताया जाता है।


मासिनराम की रिकॉर्डतोड़ बारिश में से 90 फ़ीसदी बारिश महज छह महीनों के भीतर हो जाती है, मई से अक्तूबर के बीच. यहां जुलाई में सबसे ज़्यादा बारिश होती है. औसतन यहां इस महीने में 3500 मिलीमीटर बारिश होती है।



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The world's wettest place

 Not only India but the highest rainfall in the world, Massinram is in Meghalaya.  Masinram is a village in the East Khasi Hills district of the northeastern state of Meghalaya, India.  Situated 65 kilometers from Shillong, this village is the wettest place on earth with 11872 millimeters of annual rainfall. Masinram (Meghalaya) is named in the Guinness Book of World Records as the most humid place in the world.  Due to the Bay of Bengal, there is a lot of moisture and due to the Khasi hills with a height of 1491 meters, this moisture is also condensed.  The area has a lot of greenery, enchanting waterfalls and attractive hill caves under the waterfalls that fall from it.

 This amazing place is surrounded by swollen rivers and thick clouds amidst misty plains.  Its scenic beauty and perennial mist make it one of the top tourist destinations in the city.  Cherrapunji is located 10 miles east of it.

  Locals know Cherrapunji a Sohra, it is the second most humid place in the world.  Cherrapunji and Masinram are both in Meghalaya;  Meghalaya means "abode of clouds" and this place bears its name completely, it is surrounded by clouds throughout the year.

 Here people keep canes made of cane called Kanup, so that the body is always covered and they work continuously even during the rain.

 Due to incessant rains, there is no cultivation in this place, in which people dry the dryer and wrap it in Tripal and sell it.

 Apart from this, it is very difficult to secure the bridges built in the area.  Traditional goods rot very quickly.  In such a situation, people build bridges from the roots of trees.  Rubber plants are very strong in our country, their roots are very flexible, by which people make bridges and cross river drains.

 Bridges are also made by placing bamboo between tree roots and flexible stems.  It takes about 10 years to build this bridge, later even if the bamboo melts, the bridge remains intact.  Such bridges last for hundreds of years.  One such bridge in this area is said to be 500 years old.

 Of the record-breaking rains of Masinram, 90 per cent of the rain falls within just six months, from May to October.  It rains the most in July.  On an average, this month receives 3500 mm of rain.

31 comments:

  1. मासिनराम के बारे में नही पता था।हम तो आजतक चेरापूंजी ही जानते थे। बहुत ही उत्तम जानकारी।

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  2. उत्तम ब्लॉग, लोगों का जीवन तो वहां बहुत कठिनाई भरा होगा फिर भी अपनी जगह तो अपनी जगह होती है।

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  3. Itni acchi jankari dene ke liye dhanyvad

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  4. Hum log GK me padhte aaye hai Meghalaya ke bare me.. lekin aapka gyaan amulya hai 👏👏🙏🙏

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  5. Never heard of Maniram, most of us are known to the fact that Cherapunji is most rainfall place in the world. Nice and interesting blog and updated knowledge.

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  6. Masinram and meghalay dono ke bare main janye the mgar itni jankari Nahi thi.

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  7. Masinram and meghalay dono ke bare main janye the mgar itni jankari Nahi thi.

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  8. Mushkil to aati hi hogi...per wha k log abhyast ho gye honge...aise hi mausam k according unki life style set go gyi hogi..

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  9. वीडियो का अलग मजा है और पढ़ने का अपना अलग😊

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  10. Aaiye kabhi ghumne

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    1. Ghumne liye to bahut achi jagah ha....aap wahi hain kya?

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  11. Amazing to know about this place

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  12. बेहद सुंदर और आकर्षक 👌🏻

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  13. पवन कुमारMarch 28, 2023 at 6:00 PM

    मेघालय का क्या कहना जिसका नाम ही है
    मेघ का घर । उसकी खूबसूरती देखते ही
    बनती है।

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  14. खूबसूरत नज़ारे मेघा रे मेघा रे

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  15. संजय कुमारMarch 29, 2023 at 12:54 AM

    👌👌👌रोचक जानकारी, बहुत खूब 🙏
    🙏आप का बहुत बहुत धन्यवाद 💐💐

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  16. अद्धभुत अविश्वसनीय रोचक 👌👌

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