स्वर्ग की यात्रा - Swarg ki Yatra

स्वर्ग की यात्रा 

स्वर्ग की यात्रा ( Swarg ki Yatra)

 एक दिन शहंशाह अकबर नाई से हजामत बनवा रहे थे, तभी वह नाई शहंशाह अकबर की तारीफ करने लगता है-

नाई - जहांपनाह आप अपनी सल्तनत में सबका ख्याल रखते हैं। बच्चे, बड़े, गरीब, लाचार आदि सबका।

अकबर - शुक्रिया!

नाई - लेकिन, जहांपनाह!

अकबर - लेकिन, लेकिन क्या, क्या हम किसी को भूल रहे हैं, जिसकी हम देखभाल नहीं करते हैं?

नाई - जहांपनाह गुस्ताखी माफ करें, क्या कभी आपने बड़े - बूढ़ों यानी कभी आपने पूर्वजों के बारे में सोचा है, जो दुनिया छोड़कर स्वर्ग चले गए हैं।

अकबर - लेकिन हम तो उनका भी ख्याल रखते हैं, उनके हक में हम दुआ करते हैं, उनकी याद में हमने शाही मकबरे बनवाए हैं।

नाई - लेकिन जहांपनाह कभी आपने किसी को स्वर्ग भेजा है, अपने पूर्वजों की खबर लेने के लिए, उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।

अकबर - क्या, ये क्या कह रहे हो, कोई स्वर्ग जाकर वापस कैसे आ सकता है, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? कोई स्वर्ग की यात्रा कर के वापस कैसे आ सकता है।

नाई - जहांपनाह मैं सच कह रहा हूं, स्वर्ग की यात्रा करके वापस आया जा सकता है, मैं ऐसे एक योगी बाबा को जानता हूं, जो स्वर्ग भेज कर वापस बुला सकते हैं। वजीर अब्दुल्ला उनके भक्त हैं। आप चाहे तो वजीर अब्दुल्ला से कह कर उस योगी को बुला सकते हैं।

अकबर - ठीक है तुम कल ही वजीर अब्दुल्ला से कहकर उस योगी को बुलाओ।

फिर अगले दिन वजीर अब्दुल्ला उस योगी बाबा को लेकर आते हैं।

अकबर - वजीर अब्दुल्ला क्या योगी बाबा दरबार में आ गए हैं।

वजीर अब्दुल्ला - जी! वो दरबार के बाहर ही खड़े हैं। आपकी इजाजत हो तो उन्हें अंदर बुलाया जाए।

अकबर -  उन्हें बुलाया जाए।

योगीराज - अलख निरंजन, मेरा नाम योगी निरंजन बाबा है।

अकबर - हमने सुना है योगी जी आप किसी को भी स्वर्ग भेज कर वापस बुला सकते हैं। यह बात सच है?

योगीराज - हां मैं किसी को भी स्वर्ग भेज कर वापस बुला सकता हूं।

अकबर - हमें भी अपने पूर्वजों के बारे में जानकारी चाहिए। वह स्वर्ग में कैसे रह रहे हैं, उन्हें वहां किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।

योगीराज - आप किसी भरोसेमंद इंसान को स्वर्ग भेज सकते हैं, जो स्वर्ग के मोह में ना फंस कर वापस आ सके।

वजीर अब्दुल्ला - जहांपनाह आप बीरबल को इस काम के लिए भेज दीजिए। बीरबल से ज्यादा भरोसेमंद और कौन हो सकता है?

अकबर - बीरबल क्या आप हमारे लिए स्वर्ग जाएंगे?

बीरबल - जी! जहांपनाह  मैं स्वर्ग जरूर जाऊंगा लेकिन उसके पहले मैं योगीराज से कुछ पूछना चाहता हूं। योगीराज इस यात्रा में कितना समय लगेगा?

योगीराज - इस यात्रा में कम से कम 2 महीने लगेंगे अगर तुम स्वर्ग के सुख के मोह में ना फंसे  तो।

बीरबल - योगी जी आप मुझे स्वर्ग कैसे भेजेंगे।

योगीराज - मैं पवित्र आग जलाऊँगा। उसमें तुम्हें प्रवेश करना है वैसे तो यह क्रिया कहीं भी हो सकती है लेकिन हम इसे गंगा नदी के किनारे करेंगे।

बीरबल - जहांपनाह मैं काफी दिनों के लिए अपने घर से दूर रहूंगा इसलिए मैं चार-पांच दिन की मोहलत मांगता हूं। कुछ अधूरे काम निपटाने हैं।

5 दिन बाद बीरबल को जलाने के लिए ले जाया जाता है। स्वर्ग की यात्रा के लिए योगीराज विधि संपन्न करते हैं। वह एक चिता पर फूल और कुछ सामग्री डालते हैं और बीरबल के माथे पर तिलक करते हैं और चित्त हो जाने को कहते हैं।
स्वर्ग की यात्रा ( Swarg ki Yatra)

बीरबल - अलविदा जहांपनाह !

अकबर - हमें आपकी बहुत याद आएगी। आप जल्दी लौटने की कोशिश करना।

बीरबल - जी जहांपनाह, मैं जल्दी लौट कर आऊंगा।

और फिर 2 महीने गुजर जाते हैं, शहंशाह अकबर बहुत चिंतित हो जाते हैं।

अकबर - हमें बीरबल की बहुत याद आ रही है। 2 महीने गुजर चुके हैं पर बीरबल अभी तक नहीं लौटे। हमें बहुत चिंता हो रही है। योगीराज का क्या कहना है, कब तक बीरबल लौट आएंगे।

वजीर अब्दुल्ला - जहांपनाह , योगी बाबा यह भी तो कह रहे थे कि हो सकता है बीरबल को स्वर्ग के सुख बहुत भा जाए और वह उन्हें छोड़कर ना आना चाहे।

अकबर - नहीं ऐसा कभी नहीं हो सकता है, बीरबल ऐसा कभी नहीं कर सकते हैं, उन पर हमें पूरा भरोसा है।

उसी वक्त वहां पर बीरबल आते हैं। उनके लंबे लंबे बाल होते हैं और लंबी सी दाढ़ी। अकबर उन्हें देखकर बहुत खुश होते हैं।

अकबर - खुशामदीद! खुशामदीद! हमें आप को देख कर बहुत खुशी हुई और बताइए स्वर्ग में हमारे पूर्वज कैसे हैं, उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है।

बीरबल - नहीं, जहापानाह उन्हें किसी भी चीज की जरूरत नहीं है, वे बहुत खुश हैं।

अकबर - लेकिन बीरबल आपने यह बाल इतने क्यों बढा लिए हैं।

बीरबल - जहांपनाह मेरे ही नहीं वहां पर सभी के बाल बहुत लंबे हैं। वहां पर कोई नाई ही नहीं है, बाल काटने के लिए। इसलिए उन सभी ने यहां पर जो नाई  है उसे बुलाने के लिए कहा है, ताकि वह वहां सब के बाल काट सकें।

अकबर - हां हां, क्यों नहीं, हम अभी अपने नाई को वहां भेज रहे हैं। योगीराज और वह नाई अभी यहीं पर हैं, वह इस वक्त हमारे मेहमान बन कर रह रहे हैं। हम अभी स्वर्ग भेजने की क्रिया करवाते हैं, योगीराज और उस नाई को बुलाया जाए।

वे दोनों दरबार में हाजिर होते हैं। अकबर उनसे कहते हैं -

अकबर - योगीराज स्वर्ग में नाई की जरूरत है। आप जल्दी से इस नाई को स्वर्ग भेजने की क्रिया शुरू कीजिए।

नाई - (अपने घुटनों पर गिरकर), जहांपनाह मुझे माफ कर दीजिए, मुझसे यह सब वजीर अब्दुल्ला ने करवाया था। क्योंकि वह बीरबल की शोहरत से जलते हैं और बीरबल को अपने रास्ते से हटाना चाहते थे और यह बाबा भी पाखंडी है। पता नहीं बीरबल उस आग से कैसे बच गए, लेकिन मैं नहीं बचुंगा, माफ कर दीजिए।

अकबर - क्या, इतनी बड़ी साजिश बीरबल के खिलाफ! सिपाहियों इस पाखंडी बाबा और इस नाई को ले जाओ और कालकोठरी में डाल दो। और तुम वसीर अब्दुल्ला मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी। मैं अगर चाहूं तो तुम्हें भी फांसी पर लटका दूं, लेकिन तुमने हमारी कई साल हिफाजत की है इसलिए हम तुम्हें इस देश से निकाल रहे हैं।

सिपाहियों इसे ले जाकर सरहद के बाहर छोड़ आओ और फिर कभी अपनी शक्ल मत दिखाना।

बीरबल - जहांपनाह जब मैंने योगीराज के मुंह से आग में प्रवेश करने वाली बात सुनी तो मुझे लगा दाल में कुछ काला है। तभी तो मैंने आपसे पाँच दिन की मोहलत मांगी और मैंने उन पाँच दिन में एक ऐसी सुरंग तैयार करवाई जो उस जगह से सीधे मेरे घर को जाती है।

जहांपनाह इस तरह से मैं वहां से बच निकला। और मैं चाहता था, यह लोग अपना गुनाह खुद कबूल करें, इसलिए मैंने दो महीने अपने बाल नहीं काटे क्योंकि मैं यह भी जानता था कि इन तीनों की सबसे कमजोर कड़ी नाई है।

अकबर - वाह! बीरबल वाह! एक तुम ही हो जो ऐसा कर सकते हो। तुम्हारे जैसा कोई नहीं। मेरे शातिर दोस्त तुम ही ऐसा कर सकते हो।

बीरबल - शुक्रिया! जहांपनाह शुक्रिया! 

स्वर्ग की यात्रा ( Swarg ki Yatra)

English Translate

Journey to heaven

  One day the emperor Akbar was shaving the barber, then he starts praising the barber emperor Akbar-

 Barber - where you take care of everyone in your sultanate.  Everyone, children, big, poor, helpless etc.

 Akbar - Thank you!

 Barber - But, where the wall!

 Akbar - But, but what, are we forgetting someone we don't care for?

 Barber - Jahanpanah Gustakhi, sorry, have you ever thought about the elders or the ancestors, who have left the world and gone to heaven.

 Akbar - But we also take care of them, we pray for them, we have built royal tombs in their memory.

 Hairdresser - But where ever you have sent someone to heaven, they do not need anything to take news of your ancestors.

 Akbar - What, what are you saying, how can someone go back to heaven, your mind is spoiled?  How can someone travel to heaven and come back?

 Hairdresser - Wherever I am telling the truth, I can come back by traveling to heaven, I know one Yogi Baba who can be sent back to heaven.  Wazir Abdullah is his devotee.  If you want, you can call the yogi by asking Wazir Abdullah.

 Akbar - Well, you should call Wazir Abdullah tomorrow and call that yogi.

 Then the next day Wazir Abdullah brings that Yogi Baba.

 Akbar - Wazir Abdullah Has Yogi Baba come to the court.

 Wazir Abdullah - Yes!  They are standing outside the court.  If you have permission, they should be called inside.

 Akbar - call them.

स्वर्ग की यात्रा ( Swarg ki Yatra)

 Yogiraj - Alakh Niranjan, my name is Yogi Niranjan Baba.

 Akbar - We have heard, Yogi ji, you can send anyone back to heaven.  Is this thing true?

 Yogiraj - Yes, I can send anyone back to heaven.

 Akbar - We also need information about our ancestors.  How are they living in heaven, they don't need anything there.

 Yogiraj - You can send a trusted person to heaven, who can not fall back on the temptation of heaven.

 Wazir Abdullah - Jahanpanah send Birbal for this work.  Who can be more reliable than Birbal?

 Akbar - Birbal will you go to heaven for us?

 Birbal - Yes!  I will definitely go to heaven, but before that I want to ask Yogiraj something.  How long will Yogiraj take this journey?

 Yogiraj - This journey will take at least 2 months if you are not stuck in the fascination of heaven's happiness.

 Birbal - Yogi ji how will you send me to heaven.

 Yogiraj - I will light the sacred fire.  You have to enter it, although this action can be done anywhere but we will do it on the banks of river Ganges.

 Birbal - Jahanpanah I will stay away from my house for a long time, so I ask for four to five days of deferment.  Some unfinished work has to be done.

 After 5 days Birbal is taken to burn.  Yogiraj performs the method to travel to heaven.  He puts flowers and some material on a pyre and tilak on Birbal's forehead and tells him to be sick.

 Birbal - Goodbye Jahanpahan!

 Akbar - We will miss you very much.  You try to return soon.

 Birbal - Yes Jahanpanah, I will come back soon.

 And then 2 months pass, Emperor Akbar becomes very worried.

 Akbar - We are missing Birbal a lot.  2 months have passed but Birbal has not returned yet.  We are very worried.  What does Yogiraj have to say, how long Birbal will return.

 Wazir Abdullah - Jahanpanah, Yogi Baba was also saying that Birbal might like the pleasures of heaven and he would not like to leave them.

 Akbar - No, it can never happen, Birbal can never do this, we have full faith in him.

 Birbal comes there at the same time.  He has long long hair and a long beard.  Akbar is very happy to see them.

 Akbar - Happy!  Good luck  We are very happy to see you and tell us how our ancestors are in heaven, they do not need anything.

 Birbal - No, Jahanpanah they don't need anything, they are very happy.

 Akbar - But Birbal, why have you grown this hair so much?

 Birbal - Everybody's hair is very long, not only where the wall is.  There is no barber there, to cut hair.  Therefore, they have asked to call the hairdresser here, so that he can cut everyone's hair there.

 Akbar - Yes yes, why not, we are sending our barber there right now.  Yogiraj and that barber are right here, he is living as our guest at this time.  We now have the process of sending heaven, Yogiraj and that barber be called.

 They both attend the court.  Akbar tells them -

 Akbar - Yogiraj is a barber in heaven.  Quickly start the process of sending this barber to heaven.

 Barber - (falling to his knees), forgive me where the wall is, I got all this done by Wazir Abdullah.  Because he is jealous of Birbal's fame and wanted to remove Birbal from his path and this Baba is also hypocritical.  I do not know how Birbal survived that fire, but I will not survive, forgive me.

 Akbar - What a big conspiracy against Birbal!  Soldiers take this hypocritical Baba and this barber and put them in the dungeon.  And you, Wasir Abdullah, I did not expect this from you.  If I want to hang you too, but you have protected us for many years, so we are expelling you from this country.

 The soldiers take it and leave it outside the border and never show your face again.

 Birbal - Jahanpanah When I heard Yogiraj's mouth entering the fire, I felt that there is something black in the pulse.  That is why I asked you for a five-day extension and in those five days I prepared a tunnel that goes directly from that place to my house.

 Jahanpanah This is how I escaped from there.  And I wanted these people to confess their crime themselves, so I did not cut my hair for two months because I also knew that they are the weakest link of these three.

 Akbar - Wow!  Birbal Wow!  You are the only one who can do this.  no like you.  You can only do this, my vicious friend.

 Birbal - Thank you!  Thank you my dear

स्वर्ग की यात्रा ( Swarg ki Yatra)

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