Food & Eating habits (भोजन पकाने तथा भोजन करने का नियम)
भोजन पकाने तथा भोजन करने का नियम:-
आज हम यहां कुछ ऐसे नियमों की बात करेंगे, जिसे बहुत लोग जानते भी नहीं और जो जानते भी हैं वह इसका पालन नहीं करते। यह भी कह सकते हैं कि हम आधुनिक चीजों के इतने अभ्यस्त हो गए हैं कि इनको छोड़ पाना हमारे लिए मुश्किल हो गया है।भोजन पकाने का नियम:-
- भोजन को पकाते समय सूर्य का प्रकाश तथा पवन का स्पर्श मिलना चाहिए, जिससे भोजन पकाते समय अधिक से अधिक प्राणवायु (ऑक्सीजन) भोजन द्वारा शोषित हो और वह भोजन शरीर के लिए लाभदायक हो। यह तभी संभव है जब भोजन किसी खुले बर्तन में बने, प्रेशर कुकर में ना बने। अर्थात हमें प्रेशर कुकर में बना भोजन नहीं करना चाहिए। प्रेशर कुकर खाने को पकाने के लिए उस पर अतिरिक्त दबाव डालता है और इस प्रकार बने भोजन में 3% माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बचते हैं।
- भोजन पकाने के लिए एल्युमिनियम धातु से बने बर्तन का उपयोग न करें। एल्युमिनियम के बर्तन में पका खाना खाने से शरीर की प्रतिकारक क्षमता कम होती है।
- रेफ्रिजरेटर का उपयोग कम से कम करें। रेफ्रिजरेटर में कुछ गैसों का इस्तेमाल प्रकृति के नियमों के विरुद्ध तापमान कम करने में होता है, जिसको (CFC)क्लोरोफ्लोरोकार्बन कहते हैं। रेफ्रिजरेटर में रखा खाद्य पदार्थ इन तीनों जहरीले गैसों के प्रभाव में रहता है।
- अब बात यह है कि आधुनिक जीवन शैली में जबकि हम इसके इतने अभ्यस्त हो चुके हैं इस को छोड़ना बहुत मुश्किल है, परंतु इतना तो कर ही सकते हैं कि इसका इस्तेमाल कम से कम करें। पका हुआ भोजन फ्रिज में रखने से बचें।
- नमक में काला नमक और सेंधा नमक का उपयोग करें, आयोडीन नमक से बचें। सबसे ज्यादा सोडियम सेंधा नमक और काला नमक से मिलता है। आयोडीन की पूर्ति दैनिक आहार में किए गए भोजन से हो जाती है।
भोजन करने का नियम
- कोई भी भोजन पकने के 48 मिनट के अंदर उसका उपभोग कर लेना चाहिए। इसके पश्चात भोजन की पोषकता कम होने लगती है। 24 घंटे के बाद भोजन बासी हो जाता है।
- खाना खाते समय खाने को इतना चबाएं कि जितने जितने दांत हो अतः खाने को 32 बार चबाएं। ऐसा करने से मुंह की लार ज्यादा से ज्यादा पेट में जाती है और खाने को पचाने में मदद करती है। चबा चबा कर खाने से मोटापा नहीं बढ़ता है।
- बीमारियों के इलाज करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है बीमारियों से बचना इसलिए खाना खाने जितना ही महत्वपूर्ण है खाने को पचाना।
- भोजन के अंत में या बीच में पानी पीना विष पीने के बराबर है, अतः भोजन करने के 60 मिनट से 90 मिनट पश्चात ही पानी पीना चाहिए, जिससे भोजन का पाचन सही प्रकार से हो सके। ऐसा नहीं करने पर भोजन का पाचन सही ढंग से नहीं होता, जिससे एसिडिटी, हाइपर एसिडिटी, अल्सर, बवासीर, मूल व्याध, भगंदर, जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
- फलों का सेवन सूर्योदय के पश्चात तथा सूर्यास्त के पहले करना श्रेयस्कर होता है।
- सुबह का भोजन सूर्य उदय से ढाई घंटे तक कर लेना चाहिए तथा रात का भोजन सूर्यास्त होते होते कर लेना उत्तम माना गया है।
- सुबह का भोजन सबसे अधिक दोपहर का उससे कम तथा रात्रि का भोजन सबसे कम करना चाहिए।
- सुबह के भोजन के पश्चात फल का जूस, दोपहर भोजन के पश्चात् छाछ तथा रात्रि भोजन के पश्चात दूध पीने का विधान है।
सर्वे भवन्तु सुखिन:
सर्वे संतु निरामया: ।।
दो लाइनों में सुखी जीवन
"उच्च विचार,पोषक
भोजन और मेडिटेशन,
तन मन हो स्वस्थ
रहे जीवन रोशन"।।
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Rules for cooking and eating food: -
Today we will talk about some such rules, which many people do not know and those who do not know do not follow it. It can also be said that we have become so accustomed to modern things that it has become difficult for us to leave them.
Rules of cooking food: -
While cooking food, sunlight and a touch of wind should be found, so that maximum pranavayu (oxygen) is exploited by food while cooking food and that food is beneficial for the body. This is possible only when the food is made in an open vessel, not in a pressure cooker. That is, we should not eat food made in a pressure cooker. The pressure cooker puts additional pressure on the food to cook and the food thus formed has 3% micro nutrients left.
- Do not use utensils made of aluminum metal for cooking. Eating cooked food in an aluminum vessel reduces the body's repulsive capacity.
- Use the refrigerator sparingly. Some gases are used in refrigerators to lower the temperature against the laws of nature, known as (CFC) chlorofluorocarbons. Food kept in the refrigerator remains under the influence of these three toxic gases.
- Now the thing is that in modern life, while we have become so used to it, it is very difficult to leave it, but you can only do so much to use it to a minimum. Avoid keeping cooked food in the fridge.
- Use black salt and rock salt in salt, avoid iodine salt. Sodium salt is most commonly found in rock salt and black salt. Iodine is replenished by food taken in the daily diet.
Rules of food:-
- Any food should be consumed within 48 minutes of cooking. After this, the nutrition of food starts decreasing. The food becomes rancid after 24 hours.
- While eating food, chew the food so that there are as many teeth, so chew the food 32 times. By doing this, the saliva of the mouth goes more and more into the stomach and helps to digest food. Chewing chewing does not increase obesity.
- Avoiding diseases is more important than curing diseases, so digesting food is as important as eating food.
- Drinking water at the end or middle of a meal is equivalent to drinking poison, so water should be drunk only after 60 minutes to 90 minutes of the meal, so that the digestion of food can be done properly. If not, the digestion of the food is not done properly, which increases the chances of diseases like acidity, hyper acidity, ulcers, hemorrhoids, mucus, hysteria etc.
- Consumption of fruits after sunrise and sunset It is best to do before.
- Morning meal should be eaten for two and a half hours before sunrise and it is considered best to have dinner by sunset.
- The morning meal should be less than that in the afternoon and the minimum of dinner.
- There is a law for fruit juice after morning meal, buttermilk after lunch and milk after dinner.
- Hopefully by following these small rules, we can keep ourselves healthy.
Very nice
ReplyDeleteAmazing
ReplyDeleteउपयोगी लेख।हर इंसान को इसका पालन करना चाहिए।क्या भोजन के बाद सौंफ हमेशा खानी चाहिए?
ReplyDeleteसदुपयोगी जानकारी, बहुत बढ़िया
ReplyDeleteAaj k samay me itna time kaha k bina pressure cooker k khana banaye...usse jaldi ho jata ..warna khana hi ghanto banega...
ReplyDeleteआधुनिकता और अल्प समय का बहाना, हमने अपनी सम्पूर्ण जीवन शैली ही बदल ली है। उक्त ब्लॉग में हमारे छोड़े हुए संस्कार और पद्धति की झलक मिलती हैं। जीवन मे ऊर्जा का स्रोत, हमारा भोजन कैसे बने और हम उसे किस भाव से ग्रहण करे, इसके बारे में बहुत ही उत्साही और विस्तार से बताया हैं। आशा है लेखिका इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए और भी जीवनुपयोगी उपाय बताएंगी।
ReplyDeleteप्रेरणादायक।
bahut achhe.. kya baat hai.. thnk u
ReplyDeleteसौंफ का कोई नुकसान नहीं है, कभी भी खाया जा सकता। सौंफ कफ नाशक होता है और शरीर में कफ की प्रबलता रात को ज्यादा होती है,तो रात के भोजन के बाद यह ज्यादा लाभकारी है।
ReplyDeleteआभार।
DeleteBahut useful lekh hai 👍👍
ReplyDeletePressure cooker jyadatar alluminium k hote,ek to pressure cooker ka nuksaan dusre alluminium dhatu ka b nuksaan.. pressure cooker k bne khane me micro nutritionts 3%, mitti k bartan me 100%,kanse k bartan me 96% aur pital k bartan me 93% hota ha... choice is your..samay bachana ha ya nutritions...
ReplyDeleteAb mitti k bartan me banayenge....par kaun si mitti k bartan me banana ha
DeleteMitti k bartan bechne wale bta dete hain...jyada paresaani ho to kanse ya pital k bartan b use me laye ja sakte.
Deleteधन्यवाद सर, आपलोगों का साथ रहा तो श्रृंखला अवश्य आगे बढ़ेगी। सबसे जरूरी तो स्वास्थ्य ही है, बाकी सब उसके बाद ही है।
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteआज के आधुनिक युग में हम अपने दादी-दादा के दौर को भूल गये है। जब खाना बनने और खाने के ये सब नियम फालो किये जाते थे और बिमारियां कम होती थी। हम सेहतमंद रहते थे। आपकी जानकारियां बहुत उपयोगी है सशतेँ इन्हें जीवनशैली में उतारा जाये। धन्यवाद इसे उपयोगी जानकारी के लिए।
ReplyDeleteभविष्य में कम से कम बिमारियों से सामना हो इसके लिए हमें अपनी पुरानी संस्कृति को अपनाना ही श्रेयस्कर है, बहुत ही उपयोगी लेख है 👌👌
ReplyDelete👍
ReplyDeleteGreat tips
ReplyDeleteThere are many things in this which were not known to us...thanku for giving so many tips
ReplyDeleteBhilkul sahi 👍
ReplyDeleteVery useful tips..👍👌
ReplyDeleteUseful tips for human beings
ReplyDeleteउपयोगी लेख
ReplyDeleteउपयोगी लेख
ReplyDeleteAtyant upyogi lekh
ReplyDeleteVery Useful..
ReplyDeleteWe wont to eat the food Very nicely,we won't to eat the food in the caret odder
ReplyDeleteBahut upyogi...
ReplyDeleteGood information
ReplyDeleteager log in niyamo ka palan kare to bahut se bimariyon se waise hi bach jayenge...per samasya ye ha ki koi kitchen me itna waqt nahi dena chahta...ladies kitchen me waqt dene k bjay serial, kitti party aur padosiyon ke yha taak jhaak me jyada samay dena pasand karti...
ReplyDeleteआप कितना मानती है ऊपर लिखी हुई बातों को??
ReplyDeleteमैं सभी बातों को मानने की कोशिश करती हूं। और लगभग सभी नियमों का पालन भी करती हूं। इसमें से एक काम मुझसे नहीं हो पाता...
Delete"सुबह का भोजन सूर्य उदय से ढाई घंटे तक कर लेना चाहिए तथा रात का भोजन सूर्यास्त होते होते कर लेना उत्तम माना गया है।"
Nice
ReplyDeleteअत्यंत ही महत्वपूर्ण जानकारी रूपा जी धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteअभी इतना अच्छा 👌🏻 खाना दिखाओ मत रूपा जी कभी हमें भेज भी दिया करो 😊😊
बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक जानकारी प्रदान की
ReplyDeleteहै ।अगर हमलोग इसका पालन करेंगे तो बहुत
बीमारियों से बच सकते है । आजकल शायद ही
कोई घर बचा है जो प्रेसरकूकर,अल्लुमुनियम तथा
फ्रीज़ का उपयोग न करता हो। रसोई घर अब
किचेन का रूप ले चुका है धूप और हवा भी मुश्किल से ही किचेन में मिल पाता है।फिर भी अगर आपका पोस्ट पढ़ने के बाद अगर कोई इसमें कुछ बदलाव ला सके तो यह आपकी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। ऐसे स्वास्थ्यवर्धक बेहतरीन
जानकारी प्रदान करने के लिए हृदय से आपका
आभार🙏🙏🙏
बहुत ही लाभकारी जानकारी एवं सुझाव आप के द्वारा दिये गये है l इसका पालन करना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य के लिये बहुत महत्वपूर्ण है
Deleteबेहद लाभप्रद जानकारी के लिए आभार आपका 🙏🏻
ReplyDeleteबहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है ।
ReplyDeleteआज रसोईघर किचेन में बदल गया है ।
हर घर मे अलुमिनियम और प्लास्टिक का
प्रयोग हो रहा है । खाने के साथ पानी पिया
जा रहा है । आज इसी का परिणाम है कि
विभिन्न प्रकार के बीमारियों से ग्रसित होते
जा रहे हैं।
हमलोग वैदिक रसोई शुरू किये हैं जिसमे
मिट्टी के वर्तन में खाना बनाना मिट्टी के बर्तन
में ही खाना खाना वो भी मिट्टी पर बैठ कर
और मिट्टी से बने वर्तन में पानी रखना तथा
मिट्टी के ग्लास से पानी पीना ।
🌹🙏जय धरती माँ🙏🌹
बहुत ही सराहनीय, प्रसंशनीय और काबिलेतारीफ कदम उठाया गया है। पढ़कर ही मन प्रफुल्लित हो रहा है। हमलोग मिट्टी के बर्तन तो खरीद के ला सकते हैं, परंतु मिट्टी पर बैठकर खा नहीं सकते हैं।
Deleteआपकी टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
🙏🌷 जय धरती मां🌷🙏
बहुत उपयोगी जानकारी हमको दी है आपने
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद जी नमस्कार शुभ अपराह्न