पुत्रवधू
वर्षो पहले की घटना है। सुदूर हिमालय की घाटियों में एक सुरम्य नगर बसा हुआ था, जिसका नाम था राजस मन्द। राजस मन्द में एक धनाढ्य सेठजी नंदाराम अपने परिवार के साथ निवास करते थे। सेठ जी का एक पुत्र था रघुवीर। पुत्र बड़ा संस्कारवान था, सेठ जी ने निश्चय किया कि वह एक समझदार लड़की को ही अपनी पुत्रवधु बनाएंगे।
सेठ जब भी किसी लडक़ी को देखने जाते तो प्रश्न करते सर्दी, गर्मी ओर बरसात में कौन सा मौसम सबसे अच्छा है ? एक लड़की ने उत्तर दिया गर्मी का मौसम सबसे अच्छा होता है। हिमालय की सुरम्य पहाड़ियों पर घूमने का बड़ा आनंद मिलता है। वहाँ टहलने में बड़ा सुख मिलता है।
दूसरी लड़की ने कहा जाड़े का मौसम सबसे अच्छा होता है। इस मौसम में तरह तरह के पकवान बनते है। हम जो भी खाते है, वह सब आसानी से पच जाता है। सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े पहन कर घूमने का बड़ा आनंद आता है।
तीसरी लड़की ने कहा मुझे तो वर्षा का मौसम पसंद है। इस मौसम में पृथ्वी पर चारो ओर हरियाली होती है। बारिश में भीगने में बहुत मजा आता है। पहाड़ो पर झरनों का अपना ही मजा है। सेठ जी को एक और लड़की ने बताया कोई मौसम ही अच्छा नहीं लगता, गर्मी में गर्मी से परेशान जाड़े में ठंड से परेशान बारिश में भीग जाओ कीचड़ गंदगी कोई भी मौसम ठीक नहीं।
सेठ जी परेशान होकर लडक़ी देखना बंद कर दिए। कुछ दिनों बाद एक मित्र के यहाँ उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई। उन्होंने उससे भी वही प्रश्न किया। लडक़ी बोली शरीर व मन स्वस्थ है, तो सभी मौसम अच्छे हैं यदि हमारा तन मन स्वस्थ नही, तो हर मौसम बेकार है। सेठ जी इस उत्तर से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने उस लड़की को अपनी पुत्रवधू बना लिया।
सभी मौसम उपयोगी हैं और अच्छे होते हैं। जीवन का भी यही है। शरीर और मन स्वस्थ हो तो काम करने के कोई भी मौसम हो सबका अपना मजा है..!!
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 09 फरवरी 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
ReplyDeleteपांच लिंकों के आनन्द में इस रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार 💐
DeleteNice post
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteमेरे देश में एक कहावत है: एक को सोना पसंद है, दूसरे को कीचड़। सादर।
ReplyDeleteBahut sundar post
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery Nice 👌🏻
ReplyDeleteVery nice
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